उज्जैन में अधिकमास, हजारों श्रद्धालु शिप्रा  स्नान करने पहुंच रहे, दो बच्चे फिर डूबे

– सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं, गार्ड ने नदी में कूद कर दोनों बच्चों को बाहर निकाला

 

दैनिक अवंतिका उज्जैन।  

अधिकमास के चलते उज्जैन में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु देव-दर्शन करने व शिप्रा स्नान के लिए पहुंच रहे हैं। नदी में बारिश के चलते पानी अधिक गहरा है। लेकिन प्रशासन ने सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं कर रखे हैं। इसके चलते दो बच्चे फिर रामघाट के पास नहाते समय फिसलकर पानी डूब रहे थे।

गार्ड ने नदी में कूद कर दोनों बच्चों को बाहर निकाला। यदि समय रहते वहां गार्ड नहीं आता तो बड़ा हादास हो जाता। जानकारी के अनुसार बुधवार को विदिशा से परिवार के साथ आए दो बच्चे फिसल कर गहरे पानी में पहुंच गए थे। इन दिनों बारिश का दौर होने से शिप्रा का जलस्तर पिछले 8 दिन से बढ़ा हुआ है। सभी घाट डूबे हुए हैं। सुरक्षा के लिए यहां होमगार्ड जवानों की ड्यूटी है। लेकिन अन्य कोई इंतजाम नहीं है। गार्ड समय-समय पर सभी घाटों पर पेट्रोलिंग करते हैं। ऐसे में हर जगह पर गार्ड भी नहीं रह सकता।

शिप्रा आरती स्थल रामघाट की घटना 

भवानी मंडी से आया था परिवार

सुबह रामघाट आरती स्थल पर परिवार के साथ आए पवन (12) पिता विक्रम सिंह और रणवीर (10) पिता अभिषेक दोनों निवासी भवानी मंडी नहा रहे थे। इसी दौरान फिसलन होने से दोनों बच्चों के पैर फिसले और दोनों गहरे पानी में जा पहुंचे। चिल्लाने की आवाज सुनकर ड्यूटी पर मौजूद होमगार्ड सैनिक विजय दायमा और ईश्वर चौधरी ने नदी में कूदकर डूबते दोनों बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला। दोनों बच्चे स्वस्थ हैं।

घाट पर काई व कीचड़ जमा होने 

से लोगों के रोज पैर फिसल रहे 

शिप्रा नदी में जलस्तर बढ़ने के साथ ही घाटों पर काई और कीचड़ जमा होने के कारण फिसलन बढ़ गई है। इससे यहां रोजाना ही श्रद्धालु फिसल रहे हैं। हालांकि घाट पर बार-बार अनाउंसमेंट कर शिप्रा नदी में पानी अधिक होने व नदी की गहराई की सूचना भी दी जाती है। लेकिन फिर भी श्रद्धालु नहीं मानते हैं और गहरे पानी की ओर नहाने के लिए चले जाते हैं।