सवारी में श्रद्धालुओं के साथ मारपीट अधिकारियों ने जांच के दिए आदेश जल्द गिरेगी मारपीट करने वालों पर गाज…

उज्जैन।

महाकाल की तीसरी सवारी में श्रद्धालुओ को थप्पड़ मारने का वीडियो वायरल होने के बाद जमकर बवाल मच गया था। सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लोग प्रशासन की व्यवस्था पर सवालिया निशान उठा रहे हैं। कुछ लोगों ने धरना प्रदर्शन कर घटना का विरोध कर मारपीट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। प्रदर्शकारी श्रद्धालुओं के साथ मारपीट करने वाले पुलिसकर्मी व मंदिर समिति कर्मचारी व दो पंडे पर कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। वही पुलिस अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि मारपीट करने वाले पुलिसकर्मी व सुरक्षा कर्मी सहित पंडों के मामले की जांच की जा रही है जो भी दोषी पाया जाएगा। उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। आश्वासन के बाद धरने पर बैठे लोग माने थे। वही यह पता चला है कि जिस पुलिसकर्मी ने श्रद्धालु पर हाथ उठाया है वह शाजापुर मैं पदस्थ है उसकी सवारी में ड्यूटी लगी थी तथा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने शाजापुर एसपी को इस मामले में पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए हैं जल्द ही पुलिसकर्मी पर निलंबन की गाज गिर सकती है लेकिन अभी भी इस मामले में दो पंडे व सुरक्षाकर्मी के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं वीडियो में साफ दिख रहा है कि पालकी को पकड़कर जो पुजारी चल रहा है उसने श्रद्धालु को थप्पड़ मारा इसी तरह दूसरे पांडे ने भी श्रद्धालु के साथ दुर्व्यवहार किया। सुरक्षाकर्मी भी वीडियो में श्रद्धालु से धक्का-मुक्की करते नजर आ रहा है साथ ही पुलिसकर्मी श्रद्धालुओं को थप्पड़ मारते हुए वीडियो में दिखाएं दे रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने पूरे मामले की जांच कराने के निर्देश दिए हैं धरने पर बैठे लोगों को शुक्रवार कोतवाली सीएसपी कार्यालय बुलाकर मामले की जानकारी ली है पुलिस अधिकारी जल्द ही जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।

जिन पंडे पुजारियों की ड्यूटी नहीं वह भी चलते हैं पालकी के साथ…

पुलिस को जानकारी लगी है कि सवारी में पालकी के साथ कुछ पंडे पुजारी अवैध रूप से चलते हैं जबकि उनकी वहां ड्यूटी नहीं होती है उसके बाद भी वह पालकी के साथ चलते हैं ऐसे पंडे पुजारियों की भी जांच की जाएगी ताकि पालकी के साथ इस तरह के पंडे पुजारियों को वहां से हटाया जाएगा।

पालकी के साथ चलने वाले पुजारियों की पहचान जरूरी

बाबा महाकाल की सवारी में पालकी के आसपास इतने पंडे पुजारी होते हैं कि पता ही नहीं चलता है कि असली कौन है इसमें कई फर्जी भी रस्से के अंदर घुसकर पालकी के साथ चलते हैं और फोटो सेल्फी लेते रहते हैं इस तरह के फर्जी पंडों की जांच जरूरी है वहीं कुछ शहर के वरिष्ठ लोगों ने कहा है कि पालकी के साथ चलने वाले पुजारियों की पहचान होना जरूरी है या तो प्रशासन उन्हें कोई पहचान पत्र जारी करें कोई ड्रेस कोड दे जिससे कि अवैध रूप से चलने वाले पंडे पुजारियों को रोका जा सके।