श्रीमद् भागवत कथा केवल पुस्तक ही नहीं साक्षात श्रीकृष्ण का स्वरूप है

मनुष्य को चिंता नहीं चिंतन करना चाहिए

बड़नगर ।  चिंता नहीं चिंतन करना चाहिए। चिंतन करोगे तो चिदानंद परमात्मा आपकी चिंता जरूर करेंगे। वैष्णव को मुक्ति मिले या ना मिले लेकिन भक्ति ठाकुर जी की जरूर मिलती है। वैष्णव को मेवा मिले या ना मिले लेकिन सेवा ठाकुर जी की जरूर मिलती है। वैष्णव हमेशा मेवा नही सेवा ही मांगता है। श्रीमद् भागवत केवल पुस्तक नहीं साक्षात श्रीकृष्ण का वांग्मय स्वरुप है। इसके एक-एक अक्षर में श्रीकृष्ण समाये हुए हंै।
उक्त उद्गार आचार्य बिरेन भाई शास्त्री अहमदाबाद वाले ने कथा में कही। कथा सुनकर पांडाल में उपस्थित श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। कथा के मध्य में ऐसी वाणी बोलिए और श्री वल्लभ के महत्व का भजन सुनकर भक्त आत्मसात हो गये। ब्रज धाम में यजमान परिवार सहित कई गणमान्य अतिथियों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज करवाई। कथा में पूर्व विधायक शांतिलाल धबाई, प्रेस क्लब अध्यक्ष डा. नरेंद्रसिंह राजावत, कनुभाई नीमा, मोहनलाल गुप्ता, श्याम नीमा पूर्व पार्षद, विवेक शास्त्री, रामगोपाल पांचाल, विजय मेहता, अभिषेक कावड़िया, विजय नीमा, डॉ ललित गुप्ता, डॉ. वल्लभ गुप्ता, डॉ. कामेश गुप्ता, मीना विशनवाणी, जगदीश उपाध्याय, सत्यप्रकाश पंड्या आदि भक्तजनों की उपस्थित हुए। जानकारी गौरव गुप्ता ने दी।