मप्र में फर्जी अधिवक्ताओं की धरपकड़ के लिए हो रही दस्तावेजों की जांच

 

बार कौंसिल ऑफ इंडिया ने सख्त रुख अपनाया

जबलपुर। बार कौंसिल आफ इंडिया दिल्ली द्वारा फर्जी वकीलों एवं सदस्यता का नवीनीकरण नहीं करवाने वाले वकीलों के विरुद्ध सख्त रूख अपनाया जा रहा है। उसके निर्देश पर अधिवक्ताओें के पंजीयन, डिग्री एवं अन्य दस्तावेजों की जांच शुरू हो गई है। वहीं प्रदेश भर में अब भी ऐसे अधिवक्ता हैं जो अपना पंजीयन नवीनीकरण नहीं करा रहे हैं। जिन पर भी कार्रवाई की जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती बरतने के दिए निर्देश

मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद की ओर से जारी जानकारी के अनुसार देश की विभिन्न अदालतों में वकालत कर रहे अधिवक्ताओं में अनेक ऐसे हैं, जिनको जांच के बाद फर्जी पाया गया है। इस दिशा में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बार कौंसिल आफ इंडिया को सख्त रवैया अपनाते हुए कार्रवाई करने को कहा गया है। बीसीआई की ओर से भी इन मामलों को लेकर गाइडलाइन भी जारी की गई है। इसी के मद्देनजर मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद ने सख्ती के संकेत दिए हैं। परिषद ने समस्त अधिवक्ताओं के दस्तावेजों की जांच करने को कहा है।

जारी किए जा रहे कारण बताओ नोटिस

मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद के उपाध्यक्ष आरके सिंह सैन के अनुसार फर्जी वकीलों की धरपकड़ हो रही है। पिछले दिनों शिकायत आने पर दो अधिवक्ताओं के शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच डिब्रूगढ़ (असम) विश्वद्यिालय व भोपाल से कराने पर पाया कि मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद में नामांकन के समय प्रस्तुत किए गए शैक्षणिक दस्तावेज रहे। इसलिए उन अधिवक्ताओं को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

फर्जी पाए जाने पर होगी सख्त कार्रवाई

मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद की प्रशासनिक समिति के अध्यक्ष राधेलाल गुप्ता, सदस्य आरके सिंह सैनी, जगन्नाथ त्रिपाठी, राजेश पाण्डे, जितेन्द्र शर्मा के अनुसार बार कौंसिल आफ इंडिया के निर्देशों के अनुसार सभी अधिवक्ताओं के शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच कराई जा रही है। जो फर्जी पाए जाएंगे उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।