तन, धन, यौवन और जीवन की कोई गारंटी नहीं : आचार्य श्री

रतलाम। जगत में सभी चीजें परिवर्तनशील है। दुख नहीं चाहिए तो आप सुख को छोड़ दो। अमीरी से बचे तो गरीबी नहीं आएगी।