मुरारी बापू होटल जैसी विशेष ट्रेन से  उज्जैन आए, महाकाल की पूजा की

– देव-दर्शन के बाद भारत माता मंदिर के पास देश-विदेशी से आए भक्तों को राम कथा सुनाई  

 

दैनिक अवंतिका उज्जैन। 

कथा वाचक मुरारी बापू 12 ज्योतिर्लिंगों में रामकथा सुनाने निकले हैं। इसके अंतर्गत वे शनिवार की सुबह फाइव स्टार होटल जैसी सुविधा वाली विशेष ट्रेन से ऋषिकेश से यहां पहुंचे। उज्जैन रेलवे स्टेशन पर बापू का स्वागत किया गया।

इसके बाद बापू ज्योतिर्लिंग महाकाल के दर्शन करने के लिए मंदिर गए जहां गर्भगृह में जाकर उन्होंने अभिषेक-पूजन कर अपना संकल्प पूरा किया। पूजन पुजारी संजय गुरु, आशीष गुरु ने मंत्रोच्चार कर संपन्न कराया। दर्शन-पूजन के बाद बापू भारत माता मंदिर के पास सरस्वती स्कूल परिसर में पहुंचे जहां उन्होंने देश-विदेश से आए भक्तों को राम कथा सुनाई। दोपहर बाद वे विशेष ट्रेन से ही रवना हो गए। जाने से पहले ट्रेन में उन्होंने उज्जैन के पत्रकारों से भी चर्चा की व यात्रा के बारे में बताया।  देश में पहली बार मुरारी बापू 12 ज्योतिर्लिंगों में एक साथ रामकथा सुनाने निकले है। यात्रा में दो रेल गाड़ियां कैलाश और चित्रकूट शामिल हैं।

कैलाश व चित्रकूट नाम की दो ट्रेन 

12 हजार किमी. सफर, 1008 यात्री 

दोनों ट्रेन 1008 यात्रियों के साथ 12 हजार किमी का सफर तय करते हुए ज्योतिर्लिंगों के अलावा जगन्नाथ पुरी, द्वारकापुरी और तिरुपति बालाजी धाम को भी जोड़ेंगी। बापू की यात्रा विशेष ट्रेन से ऋषिकेश से शुरू हुई जो काशी विश्वनाथ, मलिक्कार्जुन, बैद्यनाथ, नागेश्वर, रामेश्वरम, भीमाशंकर, ओंकारेश्वर, घृष्णेश्वर, त्रयंबकेश्वर होकर उज्जैन में महाकालेश्वर पहुंची यहां से सोमनाथ ज्योर्तिलिग जाएंगी। कैलाश नामक ट्रेन में बापू सवार हैं। उनके साथ 301 भक्त शामिल हैं। इनमें 100 से अधिक विदेशी भक्त भी हैं।

जाने कितनी खास है 22 

डिब्बो वाली बापू की ट्रेन

– भारतीय रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन के सहयोग से 22 डिब्बे की ट्रेन को विशेष रूप से तैयार किया है। 

– 22 जुलाई से 7 अगस्त तक के लिए ट्रेन को बुक किया गया है। 

– ट्रेन में सभी एसी कोच हैं। ट्रेन के बाहर रामकथा और यात्रा से जुड़ी बातें लिखी हैं। 

– अंदर सुसज्जित किसी फाइव स्टार होटल की तरह रेस्टोरेंट है। 

– स्लीपिंग कोच के पास विंडो सीट की और सोफे जैसी कुर्सियां हैं।

– ट्रेन में पहला कोच बापू के लिए आरक्षित है। 

– पूरे कोच को वुडन फिनिश का वर्क कर डिजाइन किया है। 

– खास बात यह है कि एक एसी कोच वॉलंटियर के लिए भी है। 

– यह एसी तो है, लेकिन गद्दे बिछाकर सोना पड़ता है। 

– ट्रेन में प्रेस, कपडे़ धोने की मशीन, रोजाना काम आने वाली सभी जरूरत का सामान मौजूद है। 

– ट्रेन में एसी 1, एसी 2 और दो कोच एसी 3 के भी हैं। 

ट्रेन से दर्शन-पूजन और कथा 

तक का सफर ऐसे करते हैं तय

मुरारी बापू और यात्रियों की सेहत का ख्याल रखने के लिए डॉक्टर विजय देसाई साथ चल  रहे हैं। रात को ट्रेन में सफर करते हैं। दिन में देव-दर्शन व कथा का क्रम चलता है। ज्योतिर्लिंग पर पहुंचते ही बुकिंग की हुई होटल में स्नान कर कथा पंडाल में पहुंच जाते हैं। यहां पर नाश्ते के बाद सभी दर्शन के लिए निकलते हैं और फिर बापू की कथा सुनते हैं। इसके बाद लंच लेकर सभी ट्रेन पर पहुंच जाते हैं। ट्रेन में अमेरिका, लंदन, साउथ अफ्रीका सहित देश भर के भक्त शामिल हैं।

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