वकीलों को 30 सितंबर से पहले करना होगा सनद का सत्यापन, वरना नहीं मिलेगा योजनाओं का लाभ

जिन अधिवक्ताओं ने सत्यापन फार्म या घोषणा पत्र जमा नहीं कराया है, उन्हें योजनाओं का लाभ नहीं मिल सकेगा
नगर प्रतिनिधि  इंदौर
इंदौर के सैंकड़ों अभिभाषकों की वकालात पर खतरा मंडरा रहा है। अभिभाषकों को सनद का सत्यापन फार्म या घोषणा फार्म 30 सितंबर 2023 से पहले जमा कराना है। सैंकड़ों वकील हैं जिन्होंने अब तक सनद का सत्यापन या घोषणा फार्म जमा ही नहीं किया है। आनलाइन जमा किए जाने वाले इन फार्म को लेकर राज्य अधिवक्ता परिषद कई बार अपील जारी कर चुका है। इंदौर अभिभाषक संघ के अध्यक्ष गोपाल कचोलिया ने बताया कि सनद सत्यापन या घोषणा फार्म भरने वाले वकीलों को ही मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद और राज्य शासन द्वारा जारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा।
कल्याणकारी योजनाओं का नहीं मिलेगा लाभ : कचोलिया ने बताया कि राज्य अधिवक्ता परिषद की प्रशासनिक समिति की बैठक में पारित प्रस्ताव के अनुसार बार कौंसिल आफ इंडिया सर्टिफिकेट एण्ड प्लेस आफ प्रैक्टिस वैरीफिकेशन नियम 2015 के तहत 1 अप्रैल 2011 के पूर्व नामांकित अधिवक्ताओं को सत्यापन फार्म और 1 अप्रैल 2011 के बाद नामांकित अधिवक्ताओं को घोषणा पत्र अनिवार्य रूप से जमा कराना है। जिन अधिवक्ताओं ने सत्यापन फार्म या घोषणा पत्र जमा नहीं कराया है, उन्हें कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल सकेगा।
कई वकीलों ने नहीं जमा कराया सत्यापन और घोषणा पत्र
राज्य परिषद ने सभी अभिभाषक संघों से अनुरोध किया है कि वे अपने सदस्यों के सत्यापन या घोषणा पत्र 30 सितंबर 2023 तक जमा करवा लें और इस संबंध में परिषद को सूचित करें। कचोलिया ने बताया कि इंदौर में सैंकड़ों वकील हैं, जिन्होंने अब तक सत्यापन या घोषणा पत्र जमा नहीं किया है।
ऐसे वकीलों को तुरंत आनलाइन फार्म जमा करते हुए इसकी एक प्रति इंदौर अभिभाषक संघ कार्यालय में उपलब्ध करवाना चाहिए ताकि संघ इस संबंध में जबलपुर सूचना दे सके। गौरतलब है कि जिन अधिवक्ताओं ने पहले ही सत्यापन फार्म या घोषणा पत्र जमा करा दिया है, उन्हें वर्तमान में दोबारा यह प्रक्रिया करने की आवश्यकता नहीं है।