मध्यप्रदेश में पुलिसकर्मियों को वीकली ऑफ मिलना शुरू

प्रतिदिन 14% मैदानी अमला रहेगा साप्ताहिक अवकाश पर

भोपाल। इंदौर, उज्जैन, भोपाल सहित मध्यप्रदेश के पुलिसकर्मियों को सोमवार से वीकली ऑफ मिलना शुरू हो गया है। मध्यप्रदेश में 7 अगस्त से पुलिसकर्मियों के साप्ताहिक अवकाश की व्यवस्था लागू हो गई है। प्रतिदिन औसतन 14 प्रतिशत मैदानी अमला साप्ताहिक अवकाश पर रहेगा। रविवार शाम ड्यूटी खत्म कर घर लौटने वाले ट्रैफिक स्टाफ को डीसीपी हेडक्वार्टर सुधीर अग्रवाल और डीसीपी ट्रैफिक शुक्ल ने फूल देकर उन्हें अवकाश पर रवाना किया।
मध्यप्रदेश में 7 अगस्त से पुलिसकर्मियों के साप्ताहिक अवकाश की व्यवस्था लागू हो गई है। प्रतिदिन औसतन 14 प्रतिशत मैदानी अमला साप्ताहिक अवकाश पर रहेगा।

इंदौर में सोमवार को 720 पुलिसकर्मी साप्ताहिक अवकाश पर

कानून व्यवस्था बिगड़ने पर पड़ेगा लौटना

इंदौर में सोमवार को नगरीय सीमा के करीब 650 पुलिसकर्मी और ग्रामीण क्षेत्र के 70 पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश दिया गया है। पहली बार बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों का साप्ताहिक अवकाश स्वीकृत हुआ है।
पुलिस आयुक्त मकरंद देऊस्कर के मुताबिक नगरीय सीमा में करीब 650 पुलिसकर्मी सोमवार को साप्ताहिक अवकाश मनाएंगे। उपलब्ध बल के आधार पर चारों जोन के डीसीपी ने रोस्टर तैयार किया है। हमने तय किया है कि रविवार को रात्रि गश्त करने वाले पुलिसकर्मी-अधिकारी सोमवार को छुट्टी रखेंगे। ये पुलिसकर्मी सीधे मंगलवार को ड्यूटी पर आएंगे। अवकाश लेने वालों में थानों, ट्रैफिक और पुलिस लाइन के रोस्टर को मिलाकर 650 पुलिसकर्मी रहेंगे।

क्राइम ब्रांच साप्ताहिक अवकाश में शामिल नहीं

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) राजेश हिंगणकर के मुताबिक, क्राइम ब्रांच और कार्यालय में पदस्थ पुलिसकर्मी साप्ताहिक अवकाश में शामिल नहीं हैं। कार्यालय का स्टाफ रविवार को छुट्टी पर रहता है। क्राइम ब्रांच कानून व्यवस्था में सम्मिलित नहीं रहती है। उधर, ग्रामीण क्षेत्र में भी सोमवार को करीब 70 पुलिसकर्मियों को छुट्टी स्वीकृत की गई है। एसपी (ग्रामीण) सुनील मेहता के मुताबिक, ग्रामीण में करीब 500 पुलिसकर्मियों का बल उपलब्ध है। रोस्टर के मुताबिक, 70 पुलिसकर्मियों को छुट्टी दी गई है। हालांकि, उसमें मुख्यालय से जारी शर्तें भी जोड़ी गई है। कानून व्यवस्था बिगड़ने पर पुलिसकर्मियों को ड्यूटी पर बुलाया जा सकता है।

कमलनाथ बोले- मामा की चुनावी चाल

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि मैंने मुख्यमंत्री के रूप में जनवरी 2019 में प्रदेश के पुलिसकर्मियों को यह अधिकार दिया था, लेकिन शिवराज सरकार बनते ही पुलिसकर्मियों से उनका यह अधिकार छीन लिया गया था। यह बात इसलिए याद दिला रहा हूं कि नीयत को समझना जरूरी है। भाजपा को 18 साल तक साप्ताहिक अवकाश की याद नहीं आई। साप्ताहिक अवकाश बहाल कर शिवराज सरकार पुलिसकर्मियों के साथ किए गए अन्याय का प्रायश्चित करने की कोशिश कर रही है। अगर यह प्रायश्चित सच्चे दिल से होता, तब भी कोई बात थी, लेकिन पुलिसकर्मी अच्छी तरह जानते हैं कि यह तो मामा की चुनावी चाल है।