सुसनेर के गांव में अजगर को मारकर जलाने वाले अज्ञात ग्रामीणों पर प्रकरण दर्ज

 

उज्जैन।आगर जिला के सुसनेर तहसील अंतर्गत सिरपोई गांव के जंगल में 10 से 12 फीट के अजगर को मारकर जंगल में जलाने के मामले में वन विभाग ने एक दर्जन से अधिक अज्ञात ग्रामीणों पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है।शाजापुर –आगर डीएफओ मयंक चांदीवाल ने बताया कि विडियो फूटेज एवं बयान के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है।

सुसनेर के सिरपोई गांव के जंगल में रविवार अपरांह को गांव की ही रेखाबाई बकरी चराने गई थी।वहां पर उसकी बकरी को अजगर ने अपनी जकड़ में ले लिया था। निगलने के दौरान बकरी के मिमियाने पर रेखा बाई एवं अन्य ग्रामीण स्थल पर पहुंचे थे और अजगर की जकड़ से उसे छुडाने के लिए ग्रामीणों ने अजगर पर हमला किया था साथ ही उसे रस्सी से पेट एवं अन्य जगह पर बांध दिया था। इससे वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के शेड्यूल एक में स्थान रखने वाले अजगर की मौत हो गई थी।ग्रामीणों ने अजगर को मारने के बाद उसे अन्य जगह ले जाने के लिए उसे रस्सी से बांधकर बाईक से खींचने के तथ्य भी वन विभाग को जांच के दौरान सामने आए हैं।डीएफओ मयंक चांदीवाल के अनुसार घटना की जानकारी सामने आते ही सुसनेर रेंजर को जांच के आदेश दिए गए। प्रारंभिक जांच में आए तथ्यों जिसमें एक विडियो के आधार पर एक दर्जन अज्ञात ग्रामीणों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है।विडियो फूटेज में ग्रामीणों के चेहरे सामने नहीं आ रहे हैं ।अज्ञात आरोपियों की पहचान के लिए ग्रामीणों के बयान लिए जाएंगे।जिस महिला की बकरी अजगर ने निगली थी उसे भी आरोपी बनाया जाएगा। अधिनियम की धाराओं में शेडयूल 1 के वन्य जीव की इस तरह से मारने के मामले में 3 से 07 वर्ष तक के कठोर कारावास एवं जुर्माने का प्रावधान है।विभागीय अमले को भी हिदायत दी गई है कि वे क्षेत्र में बराबर इस बात का ध्यान रखें की जंगल से आने वाले वन्य जीवों को ग्रामीण मारें नहीं इस बात को लेकर ग्रामीणों को समझाईश दें।