भक्ति ऐसी हो जिसमें भगवान से कुछ मांगना न पड़े – पं. विष्णु शर्मा
मन्दसौर। भक्ति ऐसी हो जिसमे भगवान से कुछ मांगना न पड़े, जो सच्चे मन से ईश्वर की भक्ति करता है उसे बिन मांगे परमात्मा सब कुछ देता है। भगवान से मांगो तो केवल भक्ति मांगो, भक्ति भक्त प्रह्लाद जैसी होनी चाहिए। उक्त विचार श्री सनातन यात्रा सेवा समिति के तत्वावधान में पं. मदनलाल जोशी सभागार में चल रही श्री द्वादश ज्योतिर्लिंग शिव महापुराण कथा में कथा के पांचवे दिन पं. विष्णु शर्मा ने व्यक्त किए। आपने कहा कि विंध्य पर्वत को नारद जी का श्राप था, विंध्य पर्वत ने प्रतिदिन पार्थिव शिवलिंग की स्थापना कर पूजन किया, भगवान शिव प्रकट हुए और हमेशा के लिए वहां बस गए और अम्लेश्वर ज्योतिर्लिंग के नाम से विख्यात है। पोथी पूजन हिम्मत डांगी, अर्जुन डाबर, राजेश सोनी ऐरावाला, संजय नीमा, दिव्या अनूप माहेश्वरी, दशरथ दानगढ़, जगदीश पोरवाल, राजू भाई ऐरावाला, नरेंद्र उदिया, वरिष्ठ पत्रकार सुरेश भावसार, ललित भाटी, गोटी ठाकुर आदि शर्मा आदि ने किया। संचालन नरेन्द्र धनोतिया ने किया और आभार आशीष पालीवाल ने माना।