तप करते हुए भी यदि भाव शुद्ध नहीं है तो तप करना भी व्यर्थ है

गुरूवर्या श्री विमलप्रभा श्रीजी का भव्य मंगल प्रवेश हुआ

मन्दसौर। नयापुरा जैन श्वेताम्बर मंदिर पर पर्वाधिराज पर्युषण पर्व की मंगलमयी आराधना करवाने हेतु शासन प्रभाविका श्री विमलप्रभाश्रीजी म.सा. का प्रवेश हुआ। बड़ी संख्या में गुरूभक्तों ने गुरूवर्याश्री की आगवानी की। मंदिर परिसर में आयोजि प्रवचन में गुरूवर्याश्री ने कहा कि भावना शुद्ध रखो। तप करते हुए भी यदि भाव शुद्ध नहीं है तो तप करना भी व्यर्थ है। तप करते हुए भी यदि भाव शुद्ध नहीं है तो तप करना भी व्यर्थ है। आपने कहा कि जिन मंदिर की शुद्धता करने से कर्मबंधन से मुक्ति मिलती हैं। अजीत लोढ़ा ने साध्वी म.सा. के दीक्षा से लगाकर वर्तमान तक के जीवन का परिचय देते हुए अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर सकल जैन समाज अध्यक्ष प्रदीप कीमती, खरतरगच्छ श्रीसंघ, मन्दसौर अध्यक्ष सुरेन्द्र डोसी, आदिनाथ जैन मंदिर ट्रस्टमण्डल,नयापुरा, मन्दसौर के अध्यक्ष अभय चौरड़िया, दिलीप लोढ़ा, बलवंत कोठारी, अशोक मारू, कुशल डोसी, अरविंद बोथरा सहित अनेक धमार्नुरागी उपस्थित थे।

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