श्रद्धालुऔ की पहली पसंद बना महाकाल की छपाई वाला कुर्ता…
महाकाल की छपाई वाला उज्जैन का कुर्ते पूरे देश में हुआ मशहूर..
उज्जैन आते ही श्रद्धालुओं का बदला जाता है पहनावा…
उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए उज्जैन पहुंचते हैं। भगवान महाकाल के दर्शन मात्र से ही श्रद्धालु निहाल हो जाते हैं । भक्तों का बाबा के प्रति जुनून अब परवान चढने लगा है। बाबा की भक्ति के रंग में रंगने के लिए बाहर से आने वाले श्रद्धालु कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। उज्जैन आने के बाद श्रद्धालुओं का लिबास ही बदल जाता है। माथे पर पर बड़ा सा तिलक महाकाल की छपाई वाला कुर्ता (टी-शर्ट) कलाई पर कड़ा… यही नहीं श्रद्धालु महाकाल की भक्ति में ऐसे लीन हो गया है कि उन्होंने इस पहनावे को ही अपना फैशन बना लिया है देश ही नहीं विदेश में भी इस पहनावे का जुनून भक्तों पर जबरदस्त चढ़ा है। जिससे उज्जैन के दुकानदारों को भी रोजगार मिला है। एक समय महाकाल मंदिर के आसपास मालाकंठा की दुकानों से बाजार सजा रहता है लेकिन तीन-चार साल में ऐसा परिवर्तन आया कि अब महाकाल की छपाई वाले कुर्ते टीशर्ट ब्रेसलेट और कड़े इत्यादि की बिक्री जोरों पर हो रही है। महाकाल क्षेत्र में अधिकांश दुकानों पर महाकाल लिखे टी-शर्ट का विक्रय किया जा रहा है डिमांड बढ़ने पर इन दुकानों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है यही नहीं महाकाल दर्शन के लिए आने वाले हर शब्द आलू को इस पहनावे में देखा जा सकता है अब इस पहनावे का देश ही नहीं विदेश में भी प्रचलन बढ़ गया है भक्ति में डूबे श्रद्धालु इस पहनावे को अब फैशन मानकर शरीर पर धारण करने लगे हैं।
उदयपुर में छपाई, उज्जैन में सिलाई
महाकाल मंदिर के समीप दुकान संचालित करने वाले श्याम राव शिंदे ने बताया कि हम उदयपुर से महाकाल की छपाई वाला कपड़ा मंगवाते हैं अन्य शहरों में भी छपाई वाला कपड़ा मिलता है। कुर्ते की सिलाई उज्जैन में की जाती है। जिससे उज्जैन के लोगों को भी रोजगार मिल रहा है। साथ ही इन कुर्तों की कीमत भी कम है। महाकाल की छपाई वाले कुर्ते 100 से 250 रुपए के बीच साइज के अनुसार किफायती दरों में मिल जाते हैं।
शिंदे ने आगे बताया की महाकाल की छपाई वाले कुर्ते बाहर से आने वाले श्रद्धालु अधिक पसंद करते हैं पहले महाकाल मंदिर के आसपास तीन चार दुकान ही थी। लेकिन कुर्ते की खरीदारी बढ़ती गई तो अब कई लोगों ने दुकान व स्टाल लगाकर कुर्ते बेचना शुरू कर दिए हैं । अब यहां के अधिकांश दुकानदार महाकाल लिखे कुर्ते बेच रहे हैं। दुकानदार ने आगे बताया कि कई दुकानदार कुर्ते बेचकर ही अच्छा काम लेते हैं धीरे-धीरे इन कुर्तों का प्रचलन बढ़ता जा रहा है। और डिमांड अधिक होने की वजह से कई बाहर के लोग भी यहां दुकान लगाकर कुर्ते बेच रहे हैं साथ ही ब्रेसलेट माला कंठी की भी बिक्री हो रही है।
महाराष्ट्र से आए श्रद्धालु ने पूरे परिवार के लिए खरीदे कुर्ते
महाराष्ट्र सोलापुर से आए श्रद्धालु ने बताया कि पूरे परिवार के लिए मैंने कुर्ते खरीदे हैं इन्हें पहनने के बाद अलग महसूस होता है जब भी महाकालेश्वर मंदिर दर्शन के लिए आते हैं तो यहां से महाकाल की छपाई वाले कुर्ते (टी-शर्ट) लेकर जाते हैं। इन कुर्तो को हमारे क्षेत्र में लोग बहुत पसंद करते हैं इसलिए उनके लिए भी कुर्ते यहां से खरीद कर ले जाते हैं।
भेरूगढ़ से निकला ट्रेड पूरे देश में फैला
इस कुर्ते के कपड़े की छपाई की शुरुआत सबसे पहले भेरूगढ़ प्रिंट से हुई थी अब तो कई प्रदेश और बड़े शहर महाकाल नाम के कपड़ों की छपाई करते हैं और अन्य शहरों में कपड़ा सिलाई के लिए जाता है जहां से कुर्ते सिले जाते हैं अब टी-शर्ट के तौर पर भी ज्यादा चलने लगा है। महाकाल के कुर्ते व टीशर्ट दोनों की ही मांग बढ़ रही है।