हिन्दू समाज को जातिवाद से दूर रहने का दिलाया संकल्प

अकोदिया मंडी ।  अगर किसी घर में या किसी भी स्थान पर गुरु, माता-पिता, धर्म और शास्त्र की कोई निंदा करें और वह चुपचाप सुनता रहे तो वह भी पाप का भागी बन जाता है। कर्म जब तक उच्च स्तर पर नहीं पहुंचेंगे तब तक फल भी उचित नहीं मिलेगा। भक्ति की संगति बहुत आवश्यक हे। भक्तो का सँग ही भगवान तक पहुंचाते हे। यह बात समीपस्थ ग्राम उगाह में श्रावण माह के अवसर पर आयोजित एक दिवसीय कथा के दौरान कथावाचक संत गोविंद जाने ने कही।
संत श्री ने कहा की जहां से ऊर्जा मिलती है उसे केंद्र पर जाना लोगों ने बंद कर दिया। श्री रामचरितमानस व श्रीमद भागवत कथा सुनने और सुनने से ताकत मिलती है। मुख्य तो सनातन धर्म ही है बाकी सब मजहब है।
हरियाणा के मेवात में हुई शिव भक्तों पर हुई घटना से संत गोविंद जाने आक्रोशित दिखाई दिए। संत गोविंद जाने ने कहा एक समय था जब कावड़ यात्रा, कलश यात्रा, नवदुर्गा,सावन के सोमवार की यात्राओं के आगे अखाड़े चलते थे लेकिन आज सेल्फी डीजे पर नाचना शुरू कर दिया। संत गोविन्द जाने से आग्रह किया की समय रहते हुए हिंदू बच्चों समझ जाओ और संभल जाओ अगर अभी भी नहीं जागे तो भविष्य घातक होगा।संत गोविन्द जाने ने कहा की आज ग्रामीण व् शहरी क्षेत्र से अखाड़े विलुप्त होते जा रहे हे जिन्हे पुन: शुरू करने की आवश्यकता है। अगर हिन्दू संगठित हो गया तो किसी मे इतनी हिम्मत नहीं हे की हमारे धर्म या धार्मिक यात्राओं पर पत्थर मारना, थूकना या हमला कर सके।
गोविन्द जाने ने देश मे फैलते जातिवाद पर भी प्रहार किया। उन्होंने कहा की जातिवाद की जड़ हमारे धर्म व सनाज के लिए समस्या पैदा कर रही। वोटबैंक की राजनीती मे हिन्दू समाज को तोड़ने का प्रयास हो रहा हे। आए दिन हमारे धर्म या समाज पर टिप्पणी की जाती हे। संत गोविन्द जाने ने कथा के समापन के दौरान उपस्थित ग्रामीणजनो से जातिवाद से दूर रहने व् धर्म व हिन्दू समाज के लिए एकजुट रहने का संकल्प दिलाया।