जल जीवन मिशन में काम पिछड़ने पर जिले के सभी सहायक यंत्री एवं उप यंत्रियों को निलम्बन का नोटिस देने के निर्देश 15 सितम्बर तक लक्ष्य पूरे करने के लिये कहा

उज्जैन। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने आज उज्जैन जिले में जल जीवन मिशन के तहत चल रही पेयजल योजनाओं के कार्य की समीक्षा की तथा जिले में लक्ष्य अनुरूप योजनाएं पूर्ण न होने पर असंतोष व्यक्त करते हुए जिले के सभी सहायक यंत्री एवं उप यंत्रियों को निलम्बन का नोटिस देने के निर्देश कार्यपालन यंत्री को दिये। बैठक में कार्यपालन यंत्री बीआर उईके एवं जिले के सभी सहायक यंत्री व निर्माण एजेन्सियां मौजूद थी।बैठक में जानकारी दी गई कि प्रत्येक ग्रामीण परिवार को वर्ष 2024 तक क्रियाशील घरेलु नल कनेक्शन के माध्यम से 55 लीटर प्रतिव्यक्ति के मान से निर्धारित गुणवत्ता का नियमित रूप से पेयजल उपलब्ध कराना जल जीवन मिशन का लक्ष्य है। जिले में कुल दो लाख 64 हजार 670 घरों में से एक लाख 30 हजार 35 घरों को घरेलु नल कनेक्शन दिये जा चुके हैं तथा एक लाख 34 हजार 635 घरों को कनेक्शन देना शेष है। यह लक्ष्य का 57 प्रतिशत है। कलेक्टर ने लक्ष्य अनुरूप कार्य न करने पर नाराजगी व्यक्त की।
बैठक में बताया गया कि जिले में कुल 1096 ग्रामों के लिये 530 नल जल योजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई है। इनमें से 509 की निविदाएं स्वीकृत हुई है। 509 योजनाओं का कार्य प्रारम्भ हुआ है। इनमें से 188 योजनाएं पूर्ण हुई है तथा 314 प्रगतिरत है। कलेक्टर ने एक-एक उपयंत्री एवं सहायक यंत्रीवार योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की तथा निर्देश दिये हैं कि 15 सितम्बर तक दिये गये लक्ष्य अनुरूप योजनाएं पूर्ण करके ग्राम पंचायतों को हैण्डओवर हो जाना चाहिये। बैठक में जानकारी दी गई कि मिशन अन्तर्गत जिले में कुल 188 पूर्ण योजनाओं में से 121 योजनाएं पानी समिति को हस्तांतरित कर दी गई है।

कलेक्टर ने छोटे-मोटे कार्यों की वजह से हस्तांतरण में हो रही देरी को लेकर निर्देश दिये हैं कि पूर्ण योजनाओं का हस्तांतरण आगामी एक सप्ताह में किया जाये। बैठक में जानकारी दी गई कि जिले में जल जीवन मिशन को 1702 स्कूल पेयजल सुविधा के लिये आवंटित किये गये थे। इनमें से 1630 स्कूलों में कार्य पूर्ण करते हुए 1547 को हैण्डओवर कर दिया गया है। इसी तरह 1056 आंगनवाड़ियों में से 1013 आंगनवाड़ियों में पेयजल सुविधा उपलब्ध करादी गई है तथा इनमें से 947 आंगनवाड़ियों को विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया है। नल जल योजनाओं के चलते हुई सड़कों की खुदाई में भी अच्छा काम करते हुए 180 किलो मीटर लम्बाई की खोदी हुई सड़कों में से 169 किलो मीटर रोड का रिस्टोरेशन कर दिया गया है।