शहर के पशु तो बाहर कर दिए, जो बाहर से आकर हरियाली उजाड़ रहे उनका क्या

इंदौर । राजस्थान और अन्य जगह से झुंड में आकर इंदौर की हरियाली उजाड़ रहे पशुओं की समस्या को लेकर हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका में शुक्रवार को सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता ने कोर्ट के समक्ष कहा कि नगर निगम का दावा है कि आवारा पशु शहर से बाहर कर दिए हैं। यह बात कुछ हद तक सही है, लेकिन सवाल यह है कि जो पशु दूसरे शहरों से आकर यहां की हरियाली उजाड़ रहे हैं उनके लिए निगम के पास क्या योजना है। एक तरफ नगर निगम हरियाली अमावस्या पर एक ही दिन में एक लाख 19 हजार पौधे रोपने का दावा करता है। वहीं, दूसरी तरफ उसके पास इन पौधों को उजाड़ने वाले पशुओं से निपटने का कोई इंतजाम ही नहीं है। ऐसे में वषार्काल में पौधारोपण करने वाले हतोत्साहित हो रहे हैं। कोर्ट अब मामले में 12 सितंबर को सुनवाई करेगी।
रोपने के बाद लावारिस छोड़ देते हैं पौधों को : हाई कोर्ट में यह जनहित याचिका डूइंग नीडफुल एसोसिएशन यंग पीपुल नामक स्वयंसेवी संगठन की ओर से एडवोकेट अजय मिमरोट और गगन बजाड ने दायर की है। याचिका में कहा है कि हर वर्ष वषार्काल में बड़ी संख्या में पौधारोपण होता है, लेकिन इन्हें रोपने के बाद लावारिस छोड़ दिया जाता है।
इंदौर की हरियाली उजाड़ रहे पशु : वषार्काल में ही राजस्थान की ओर से बड़ी संख्या में पशु इंदौर आते हैं। वे यहां की हरियाली को उजाड़ रहे हैं, लेकिन इन्हें बाहर करने के लिए निगम के पास कोई योजना नहीं है। ये पशु वषार्काल में रोपे पौधों को खा जाते हैं। याचिका में कोर्ट से गुहार लगाई गई है कि नगर निगम को दूसरे शहरों से आने वाले पशुओं को खदेड़ने के आदेश दिए जाएं।