इंदौर में लंबे ब्रेक के बाद हुई झमाझम बारिश, दो घंटे में बरसा एक इंच पानी

बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र के कारण फिर सक्रिय हुआ मानसून
नगर प्रतिनिधि इंदौर
इंदौर में शनिवार सुबह से बादल छाए रहे। दोपहर 12 बजे बाद हल्की बारिश शुरू हो गई। थोड़ी देर बाद देखते ही देखते तेज बारिश होने लगी। लंबे ब्रेक के बाद हुई झमाझम बारिश के कारण इंदौर में दो घंटे में एक इंच पानी बरस गया। हालांकि बाद में बौछारों का दौर जारी रहा। शहर की सड़कों पर पानी भरा गया।
शनिवार को इंदौर में सुबह उत्तर-पूर्वी हवा अधिकतम 32 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चली। सुबह धुंध का असर रहा और न्यूनतम दृश्यता 2000 मीटर तक पहुंची। शनिवार सुबह न्यूनतम तापमान 22.4 डिग्री दर्ज किया गया जो कि सामान्य था। गौरतलब है कि शुक्रवार को शहर में दिनभर बादल छाए और शाम चार बजे बाद हल्की बारिश हुई। रीगल स्थित मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वेदर स्टेशन पर 2.25 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।
भोपाल स्थित मौसम केंद्र के मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, वर्तमान में उत्तरी ओड़िशा व पश्चिमी बंगाल के पास कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। यह अगले 48 घंटे में उत्तर पश्चिम दिशा की ओर बढ़ेगा। इसके असर से बंगाल की खाड़ी की ओर से इंदौर की ओर नमी आ रही है। इस सिस्टम के असर से अभी पूर्वी मप्र में ज्यादा वर्षा हो रही है। वातावरण में मौजूद नमी के कारण इंदौर सहित पश्चिमी मप्र में शनिवार को बारिश हुई। शहर में अगले एक से दो दिन हल्की वर्षा का दौर जारी रहेगा।
मानसून फिर सक्रिय
बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र के कारण प्रदेश में शिथिल पड़ा मानसून फिर सक्रिय हो गया है। इसके चलते शुक्रवार से अलग-अलग क्षेत्रों में रुक-रुककर वर्षा का सिलसिला चला। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक वर्षा का दौर अभी जारी रहने की संभावना है। प्रदेश में शनिवार को भी जबलपुर, शहडोल, रीवा, सागर, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, ग्वालियर संभाग के जिलों में रुक-रुककर वर्षा होती रही।
बंगाल की खाड़ी में बनेगा एक और चक्रवात
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि अलग-अलग स्थानों पर सक्रिय इन मौसम प्रणालियों के कारण मानसून फिर सक्रिय हो गया है। विशेषकर पूर्व मप्र में अच्छी वर्षा हो रही है। 24 अगस्त के आसपास बंगाल की खाड़ी में एक अन्य चक्रवात बनने के भी संकेत मिले हैं। इस वजह से रुक-रुककर वर्षा का सिलसिला बना भी रह सकता है। मानसून के सक्रिय होने से किसानों के चेहरे खिल गए हैं। हालांकि, मौसम विज्ञानियों का अनुमान है कि इस बार मानसून की वर्षा सामान्य से कम बनी रह सकती है।