रतलाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान से हमें यह आजादी मिली है : पटेलशिलाफलकम (स्मारक) का किया अनावरण

रतलाम ।  लाखो स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों देश की आजादी में अपने प्राणों की आहूतियां दी है तब जाकर हमें यह आजादी मिली है, इस आजादी को हम सभी को कायम रखना होगा।
उक्त उदगार महापौर पटेल ने आजादी का अमृत महोत्सव समापन अवसर पर ‘मेरी माटी-मेरा देश अभियान के तहत शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय सागोद रोड में आयोजित शिलाफल कम (स्मारक) अनावरण एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, शहीदों के सम्मान समारोह के अवसर पर व्यक्त किये।
उन्होंने इस अवसर पर देश की आजादी में अपने प्राणों की आहूति देने वाले शहीदों को नमन करते हुए कहा कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने हेतु देश हित में कार्य करें, अच्छी शिक्षा प्राप्त करें। प्रारंभ में महापौर प्रहलाद पटेल, मंडल अध्यक्ष कृष्ण कुमार सोनी, महापौर परिषद सदस्य श्रीमती अनिता कटारा, अक्षय संघवी, रामूभाई डाबी, श्रीमती सपना त्रिपाठी, पार्षद रणजीत टांक, श्रीमती प्रीति कसेरा, श्रीमती संगीता सोनी, गौरव त्रिपाठी, संजय कसेरा, राजेन्द्र चौहान, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व शहीदो के परिजनों आदि ने शिला फलकम (स्मारक) का अनावरण किया। तत्पश्चात् आमंत्रित अतिथियों का स्वागत कार्यपालन यंत्री सुरेशचन्द्र व्यास, प्राचार्य सुभाष कुमावत आदि ने पुष्पहार व पुष्प गुच्छ से किया।
इसके पश्चात स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के पौत्र भूपेन्द्र सोनी, भगवान भाई बागी के पुत्र राजेन्द्र पेवाल, मणीशंकर कोटिया के पुत्र विपुल कोटिया, दुलीचन्द जैन के प्रपौत्र आदि कटारिया, श्रीमती चन्द्रप्रभा दुबे की पौत्र वधु श्रीमती सपना, श्रीमती आशा भाभरा की पुत्री कुमारी डेलन भाभरा, हरचन्द सहतानी के पौत्र विजेन्द्र, बसंतीलाल शर्मा (बंगाली) के पौत्र रवि शर्मा, बशीर खान के पुत्र आरिफ खान, राजमल चौरडिया के पुत्र प्रताप चौरडिया व शहीद ले. कमांडर धर्मेन्द्रसिंह चौहान की माता श्रीमती टमा कुवंर चौहान को शाल-श्रीफल भेंटकर उनका सम्मान किया गया। तत्पश्चात महापौर पटेल ने उपस्थितजनों को शिलाफलकम (स्मारक) स्थल पर पंच प्रण की शपथ दिलाई व अंत में राष्ट्रगान किया गया।