एल्स्टॉम ने भोपाल-इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट्स के लिए अपने पहले ट्रेनसेट की सफलतापूर्वक डिलीवरी की

इंदौर।  01 सितम्बर 2023, मध्य प्रदेश: एल्सटॉम (Alstom) द्वारा आज मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एमपीएमआरसीएल) के तहत भोपाल-इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट्स के लिए अपने पहले ट्रेनसेट की सफलतापूर्वक डिलीवरी कर दी गई है। इस ट्रेनसेट को अपने नोटिस टू प्रोसीड (एनटीपी) से साढ़े चौदह महीने के रिकॉर्ड समय में निर्मित किया गया है, जिसे इंदौर मेट्रो के लिए जारी किया जाएगा। इसका परिचालन अप्रैल 2024 से शुरू हो जाएगा। मध्य प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री द्वारा एमपीएमआरसीएल, जनरल कंसल्टेंट और एल्सटॉम की उपस्थिति में मॉक-अप कार का अनावरण 26 अगस्त, 2023 को स्मार्ट सिटी पार्क, भोपाल में किया गया था।

दूसरे ट्रेनसेट को भोपाल के लिए जारी किया जाएगा, जिसकी डिलीवरी 20 सितंबर, 2023 तक होने की उम्मीद है। ये ट्रेनें अत्याधुनिक तकनीक से परिपूर्ण हैं और बेहद कम वजनी हैं। यह भोपाल में 30 स्टेशन्स वाली 31 किमी लाइन और इंदौर में 29 स्टेशन्स वाली 31.5 किमी लाइन पर 80 किमी/घंटा की तेज़ रफ्तार से संचालित होगी। 3 कार कॉन्फिगरेशन ट्रेनसेट्स में से 27 ट्रेनसेट्स भोपाल के लिए होंगे, जबकि 25 ट्रेनसेट्स इंदौर के लिए होंगे। इन ट्रेनों में 50 यात्रियों के बैठने और 300 यात्रियों के खड़े होने की क्षमता है।

इन मेट्रो ट्रेनों का निर्माण सावली, गुजरात में ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत किया जा रहा है
भोपाल-इंदौर मेट्रो, संचार आधारित ट्रेन नियंत्रण (सीबीटीसी) सिग्नलिंग प्रणाली की नवीनतम पीढ़ी की सुविधा प्रदान करती है
भोपाल और इंदौर के लगभग 60 लाख नागरिकों को इन मोविया मेट्रो ट्रेनों के माध्यम से फायदा पहुँचेगा

डिलीवरी अपडेट पर टिप्पणी करते हुए, ओलिवर लोइसन, मैनेजिंग डायरेक्टर, एल्सटॉम इंडिया, ने कहा, “एल्सटॉम इंडिया में, भोपाल-इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए पहले ट्रेनसेट की अग्रिम डिलीवरी करना हमारे लिए बेहद गर्व की बात है। भोपाल और इंदौर को भारत में स्मार्ट शहर के रूप में मान्यता प्राप्त है। इस प्रकार, मेट्रो के जुड़ने से शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर में आधुनिकीकरण को उल्लेखनीय रूप से बढ़ावा मिलेगा। ये ट्रेनें न सिर्फ सुरक्षित, विश्वसनीय, कुशल और किफायती जन परिवहन प्रणाली को स्थापित करना सुनिश्चित करेंगी, बल्कि शहर की आर्थिक गतिविधि को भी बढ़ावा देंगी। एल्सटॉम भारत की सुदृढ़ गतिशीलता की यात्रा में दीर्घकालिक भागीदार है और हम उम्मीद करते हैं कि मध्य प्रदेश की जन परिवहन आवश्यकताओं को पुनः परिभाषित करके इस साझेदारी को और भी अधिक मजबूत करने में सक्षम होंगे।”

भोपाल-इंदौर मेट्रो ट्रेनसेट का निर्माण ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत किया जा रहा है। इसे गुजरात के सावली में एल्सटॉम की अत्याधुनिक रोलिंग स्टॉक मैन्युफैक्चरिंग सुविधा में शत-प्रतिशत स्वदेशी रूप से निर्मित किया जा रहा है। जुलाई 2022 में दिए गए अनुबंध के एक भाग के रूप में,

एल्स्टॉम ने 15 वर्ष के व्यापक रखरखाव के साथ ही साथ 3-कार कॉन्फिगरेशन वाले 52 स्टैण्डर्ड गेज मोविया मेट्रो यात्री ट्रेनसेट्स के डिज़ाइन, निर्माण, आपूर्ति, इंस्टॉलेशन, परीक्षण और कमीशनिंग का जिम्मा उठाया है।
387 मिलियन यूरो (3200 करोड़ रुपए से अधिक) मूल्य के इस ऑर्डर में नवीनतम पीढ़ी की संचार आधारित ट्रेन नियंत्रण (सीबीटीसी) सिग्नलिंग प्रणाली के साथ ही साथ सात साल के व्यापक रखरखाव सहित ट्रेन नियंत्रण और दूरसंचार प्रणालियों की स्थापना शामिल है।
एल्सटॉम के लिए आगरा-कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट्स के बाद यह भारत में इस तरह का दूसरा संयुक्त ऑर्डर है।

मोविया मेट्रो नवीनतम तकनीक प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो सिद्ध और विश्वसनीय घटकों से परिपूर्ण है, और साथ ही यह लंदन, दिल्ली, स्टॉकहोम और सिंगापुर सहित कई वैश्विक शहरों में अपना कुशल परिचालन कर रहा है। इन वातानुकूलित कारों को इस तरह से विकसित किया गया है, जो खतरनाक पदार्थों को खत्म करने के लिए पर्यावरण-अनुकूल डिज़ाइन पर जोर देती हैं, ताकि ये यात्रियों को सुरक्षित वातावरण प्रदान कर सकें। ट्रेनों का संचालन आधुनिक ऊर्जा कुशल प्रोपल्शन सिस्टम्स के माध्यम से रिजनरेटिव ब्रेकिंग के साथ होता है। ये सिस्टम्स ट्रेनों को परिवहन के अन्य तरीकों के लिए एक टिकाऊ विकल्प बनाते हैं, जो ऊर्जा की कम खपत के लिए जिम्मेदार हैं। चारों ओर फैली प्रकाश व्यवस्था और स्मार्ट लाइट समाधान जैसी सुविधाएँ ऊर्जा बचत में मददगार साबित होती हैं। स्वचालित ट्रैक निरीक्षण प्रणाली के साथ ट्रेन नियंत्रण और प्रबंधन प्रणाली (टीसीएमएस) को कार्यान्वित किया गया है, ताकि त्रुटि मुक्त और उच्च गति के साथ डेटा ट्रांसमिशन सुनिश्चित किया जा सके। अन्य महत्वपूर्ण सुविधाओं में निरंतर सीसीटीवी निगरानी के साथ सुरक्षा के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित किया गया है। इसमें संकट की स्थिति में ट्रेन ऑपरेटर और नियंत्रण केंद्र के साथ एक प्रत्यक्ष संचार चैनल भी शामिल है। सीसीटीवी की सुविधाओं के तहत न सिर्फ किसी व्यक्ति विशेष की खोई हुई वस्तु की पहचान की जा सकती है, बल्कि खाली ट्रेन का पता (आपातकालीन निकासी में यात्रियों की गिनती) भी लगाया जा सकता है। इन ट्रेनों में एक विशेष सुविधा के रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए समर्पित व्हीलचेयर वाला स्थान भी व्याप्त है।
एल्सटॉम इंडिया के पास विश्व स्तर की मेट्रो ट्रेनों की सफलतापूर्वक डिलीवरी करने की एक समृद्ध विरासत है। भारत में दिल्ली, चेन्नई, मुंबई, लखनऊ, कोच्चि के साथ ही अन्य प्रमुख शहरों एवं सिडनी, क्वींसलैंड और मॉन्ट्रियल में एल्सटॉम की सुविधाएँ सुदृढ़ता से व्याप्त हैं। इतना ही नहीं, कंपनी वर्तमान में आगरा-कानपुर और मुंबई मेट्रो लाइन 3 के लिए मेट्रो ट्रेनों और भारत के पहले सेमी हाई-स्पीड दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस प्रोजेक्ट के लिए आधुनिक ट्रेनसेट का निर्माण कर रही है।
एल्सटॉम™ और मोविया™, एल्सटॉम समूह के संरक्षित ट्रेडमार्क्स हैं।