कोर्ट ने इंदौर के डीएवीवी में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर लगाई रोकदेवी अहिल्या विश्वविद्यालय को लगा झटका

इंदौर ।  देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में बैकलाग व नियमित पदों पर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है, जिसमें पात्र होने के बावजूद एक उम्मीदवार को साक्षात्कार के लिए नहीं बुलाया। प्रक्रिया से दूर किए जाने पर उम्मीदवार ने उच्च न्यायालय की शरण लेते हुए याचिका दायर की। उसके आधार पर न्यायालय ने विवि की भर्तियों पर रोक लगा दी। इससे विवि को तगड़ा झटका लगा है।
2009 से विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई है। 14 साल बाद विश्वविद्यालय ने 47 बैकलाग और 45 नियमित व सेल्फ फाइनेंस पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की है। स्कूल आफ लाइफ साइंस में एक बैकलाग पद पर नियुक्ति होना थी, लेकिन कम आवेदक होने की वजह से विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रक्रिया निरस्त कर दी। तर्क दिया गया कि एक पद पर साक्षात्कार के लिए कम से कम तीन योग्य उम्मीदवार होना चाहिए। संतोष गहेरवाल ने जिस पद के लिए आवेदन किया था, वहां पर तीन उम्मीदवार न होने के चलते विवि ने उनका साक्षात्कार रोक दिया है।
विवि के नियम और शर्तों में ऐसा नहीं है
विश्वविद्यालय के इस कदम से दुखी होकर उम्मीदवार गहेरवाल ने न्यायालय की शरण ली है। उन्होंने वकील विवेक फड़के के माध्यम से याचिका लगाई है। उसमें बताया कि पात्र होने के बावजूद उम्मीदवार को साक्षात्कार के लिए आमंत्रित नहीं किया गया। फड़के ने कहा कि विश्वविद्यालय के नियम और शर्तों में यह नहीं कहा गया है कि कम से कम तीन पात्र आवेदक होने पर उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

याचिकाकर्ता ने न्यायालय को सूचित किया कि अगर न्यायालय के आदेश पर नियुक्ति की गई तो उसकी वरिष्ठता प्रभावित होगी। इस पर न्यायालय ने पूरी भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी। अगली सुनवाई 9 सितंबर को होगी।