लाड़ली बहना योजना से अपात्र महिलाओं ने भी भर दिया था फार्म

सरकार ने विकल्प दिया तो शहर में 150 महिलाओं ने छोड़ दिया लाभ

इंदौर। सरकार ने लाड़ली बहनाओं को स्वेच्छा से योजना का लाभ छोड़ने का विकल्प दिया है। वेबसाइट पर विकल्प आने के दो सप्ताह में ही इंदौर से 150 अपात्र महिलाओं ने लाभ परित्याग कर दिया। वर्तमान में इंदौर में साढ़े चार लाख से ज्यादा लाड़ली बहनाएं हैं।
सरकार ने निम्न व कमजोर आय वर्ग की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए यह योजना शुरू की है। शुरुआती दो महीनों में 1000 रुपए दिए गए। अब इसमें 250 रुपए का इजाफा कर दिया गया है। आवेदनों की जांच कर पात्र-अपात्र का निर्धारण करने में समय न लगे इसलिए आवेदक से ही स्वघोषणा पत्र लिया गया है।
यदि कोई लाभार्थी इन बिंदुओं से सहमत नहीं है या पात्र नहीं तो वह योजना का लाभ छोड़ सकता है। इंदौर से योजना छोड़ने वाली कई महिलाएं पात्रता शर्तों की कसौटी पर खरी नहीं उतर रही थीं। इसमें आयकरदाता, नौकरीपेशा व ऐसे परिवारों की महिलाएं है, जिनकी स्वघोषित आय 2.5 लाख रुपए से ज्यादा है। उन्होंने जल्दबाजी में फार्म भर दिया था, अब विकल्प मिला तो वे बाहर हो गईं।

क्यों दिया विकल्प

अफसरों ने बताया कि सरकार चाहती है, अपात्र लोग खुद ही योजना से बाहर हो जाएं। चुनाव नजदीक है, जांच के लिए पर्याप्त अमला भी नहीं है। सरकार ने घोषणा की है कि चुनाव के बाद इसकी राशि बढ़ाई जाएगी। माना जा रहा है कि नई सरकार में लाथार्थियों की पात्रता मानकों के आधार पर जांच की जा सकती है। तब सरकार योजना से बाहर करेगी। ऐसे में लिए गए लाभ की वसूली का जोखिम भी रहेगा।

छोड़ने पर आगे लाभ नहीं मिलेगा

यदि एक बार योजना के लाभ का परित्याग कर दिया तो भविष्य में इसका लाभ लेने के लिए आवेदन की पात्रता नहीं रहेगी। इसके लिए एक हेल्प डेस्क भी बनाई गई है। इसका नंबर 0755–2700800 है।