हुकमचंद मिल के मजदूरों के मामले में ब्याज के मुद्दे पर केबिनेट में होगा फैसला
इंदौर । हुकमचंद मिल के 5895 मजदूर और उनके स्वजन के लिए सोमवार को हाई कोर्ट से राहत भरी खबर आई है। कोर्ट में चल रही याचिका में शासन ने जानकारी दी कि मजदूरों के मुआवजे की रकम पर ब्याज का मुद्दा केबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। यह बैठक इसी सप्ताह में हो जाएगी। अन्य सभी पक्षकारों से बकाया भुगतान को लेकर चर्चा हो गई है। शासन की ओर से दी गई इस जानकारी के बाद मजदूरों का भुगतान निकट भविष्य में होने की संभावना बढ़ गई है। मामले में अगली सुनवाई 11 सितंबर को होगी।
12 दिसंबर 1991 को हुकमचंद मिल बंद होने के बाद से मिल के 5895 मजदूर और उनके स्वजन अपने अधिकार के लिए भटक रहे हैं। वर्षों पहले हाई कोर्ट ने मजदूरों के पक्ष में 229 करोड़ रुपये मुआवजा तय किया था, लेकिन इसमें से 174 करोड़ रुपये अब तक मजदूरों को नहीं मिले हैं।
मजदूरों का बकाया देने को तैयार है हाउसिंग बोर्ड
नगर निगम और हाउसिंग बोर्ड मिल की जमीन पर हाउसिंग और कमर्शियल प्रोजेक्ट लाने को तैयार हैं। हाउसिंग बोर्ड मिल के मजदूरों के बकाया 174 करोड़ रुपये देने को भी तैयार है, लेकिन मजदूर मिल बंद होने से लेकर मिल का कब्जा परिसमापक को सौंपे जाने की अवधि का ब्याज दिलवाए जाने की मांग कर रहे हैं। सोमवार की सुनवाई के बाद मजदूरों को जल्द भुगतान होने की उम्मीद बढ़ी है।
अन्य लेनदारों से हो गई चर्चा
मजदूरों की ओर से पैरवी कर रहे एडवोकेट धीरजसिंह पवार ने बताया कि सोमवार को शासन ने कोर्ट में यह जानकारी भी दी है कि उसने मिल के अन्य लेनदारों से उनके बकाया भुगतान को लेकर चर्चा कर ली है। सिर्फ मजदूरों के ब्याज का मुद्दा निपटाना बाकी है।