इंदौर में बोले भजन गायक अनूप जलोटा- अब खुद को मंच पर लाने से ज्यादा मन करता है नए कलाकारों को मंच देने का
इंदौर । दशकों पहले हमारी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में एक गाना आया था जिसे अशोक कुमार ने गाया था। वह गाना था ह्यरेल गाड़ी रेल गाड़ी छुक-छुकह्ण और वह भी रैप सांग ही था। रैप सांग भारतीय संगीत के लिए नया नाम नहीं है। फर्क बस इतना है कि पहले रैप सांग में अपशब्द नहीं होते थे और आज हैं। उन्होंने कहा कि पुराने रैप सांग में मधुरता और शालीनता थी। आज गीतों में भले ही अपशब्दों को शामिल कर दें, लेकिन सच तो यह है कि ये गीत ज्यादा दिनों तक नहीं चलते।
यह बात ख्यात गायक अनूप जलोटा ने सोमवार को इंदौर आगमन पर मीडिया से हुई चर्चा में कही। तमाम अश्लील गीतों के बीच जब अच्छे गीत आते हैं तो श्रोता उसी और मुड़ जाते हैं। जैसे जब ह्यये मोह मोह के धागेह्ण गीत आया तो श्रोताओं ने उसे बड़े प्यार से अपनाया। इंदौर में आयोजित कार्यक्रम में प्रस्तुति देने आए अनूप जलोटा ने प्रेस क्लब में चर्चा की शुरूआत शहर की खूबी गिनाते हुए की। पहले इंदौर के अखबारों की चर्चा और फिर कलाकारों को आधार बनाते हुए जलोटा ने कहा कि इंदौर का कला के क्षेत्र में ऊंचा नाम है। इस शहर के कलाकारों ने देश-दुनिया में अपना और इस शहर का नाम रोशन किया है।
अब प्रतिभाओं को ज्यादा से ज्यादा मौका देने की कोशिश
इसके बाद अनुभव साझा करते हुए कहा कि मैं जब सात वर्ष का था तब से गा रहा हूं और आज मेरी उम्र 70 वर्ष हो गई है। अब स्वयं को मंच पर लाने से ज्यादा मन करता है कि नए कलाकारों को मंच दिया जाए। इसलिए मैं ओमकारम और कान्हा फांडेशन के जरिए नवोदित कलाकारों को मौका दे रहा हूं फिर चाहे वे गांव-कस्बे के हों या बड़े शहरों के। अब गाने के बजाए देश की प्रतिभाओं को ज्यादा से ज्यादा मौका देने का ध्येय है। नए कलाकार खूब गाएं, बेहतर गाएं और अपना व शहर का नाम रोशन करें।
बिग बास सीजन 12 में शामिल हुए अनूप जलोटा और जसलीन मथारू के बारे में अनूप ने कहा कि ह्यजसलीन मुझसे संगीत सीखती थी। वह बहुत अच्छा भी गाती थी, लेकिन जसलीन ने ग्लैमर पर ज्यादा ध्यान दिया। उसने संगीत पर 30 प्रतिशत और ग्लैमर पर 70 प्रतिशत ध्यान दिया। बेहतर होता यदि वह इस क्रम को उल्टा कर देती। अभिनय की दुनिया में भी हाथ आजमाने के बाद वे कहते हैं कि मेरे लिए तो अभिनय भी एक तरह से गायन ही है, क्योंकि दोनों में ही तल्लीनता से बात बनती है।