शिप्रा में लोग लगातार डूब रहे, योजनाएं  कागज पर, मंत्री सिलावट भी भड़क गए

 

– महाकाल में पत्रकारों ने सवाल किया तो बोले – अफसरों से बैठकर बात करूंगा आखिरी क्या दिक्कत है

 

दैनिक अवंतिका उज्जैन। 

शिप्रा नदी में लोग लगातार डूबकर मर रहे हैं। आए दिन घटनाएं हो रही है। लेकिन शिप्रा में डूबने से आम लोगों को बचाने के लिए अब तक जो सरकारी योजनाएं बनी वे सिर्फ कागज पर ही नजर आ रही है। मूर्त रूप से कोई काम नहीं दिख रहा। महीनों से सुन रहे हैं कि शिप्रा को लेकर ये योजना, वो योजना पर काम कुछ नहीं दिख रहा। 

इतना ही नहीं जब उज्जैन प्रवास पर आए मंत्री तुलसी सिलावट से पत्रकारों ने शिप्रा को लेकर सवाल किए तो वे अव्यवस्थाओं के बारे में जानने के बाद भड़क उठे और कहा कि शीघ्र ही विभाग के अफसरों से इसे लेकर अलग से बात करूंगा कि आखिर काम में दिक्कत कहा आ रही है। क्यों नहीं योजनाओं पर काम हो रहे हैं। जब सरकार काम चाहती है तो फिर काम कहा अटके हैं। मंत्री सिलावट महाकाल मंदिर में बारिश को लेकिर किए गए महारूद्र अनुष्ठान में मुख्यमंत्री के साथ यहां पहुंचे थे। उन के पास वर्तमान में जल संसाधन विभाग है। इसलिए पत्रकारों ने जब शिप्रा को लेकर उनसे बात की तो वे बोले – शिप्रा में मिल रहे इंदौर की कान्ह नदी के दूषित पानी को डायवर्सन पर शीघ्र ही स्थायी काम होने जा रहा है। मंत्री सिलावट ने कहा कि शिप्रा के घाटों पर सुरक्षा संबंधी कार्य को मूर्तरूप देना स्थानीय प्रशासन का काम है और उसे इसे हर हाल में करना भी चाहिए। पहले भी ये मुद्दा सामने आया तो संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए थे। वे घाटों पर सुरक्षा संबंधी कार्य क्यों नहीं कर पा रहा है व क्या दिक्कत है, इस पर स्मार्ट सिटी के अधिकारियों से बात करूंगा।

शिप्रा के रामघाट सहित सभी घाटों 

पर रेलिंग लगना थी, अभी नहीं लगी 

शिप्रा के रामघाट व इसके आसपास के सभी प्रमुख घाटों पर सुरक्षा के लिए रेलिंग लगाई जाना थी। अन्य कार्य भी किए जाने हैं। लेकिन अब तक यहां न तो रेलिंंग लगी न अन्य कार्य हुए। मंत्री सिलावट को पत्रकारों से इस बात से भी अवगत कराया तो वे बोले –  मैं स्मार्ट सिटी के अफसरों से बात करता हूं। 

डेढ़ साल पहले 13 करोड़ की योजना

पर काम नहीं, कलेक्टर पहुंचे थे घाट

करीब डेढ़ साल पहले शिप्रा के घाटों पर सुरक्षा आदि को लेकर 13.30 करोड़ की योजना बनाई गई थी लेकिन इस पर आज तक कोई काम नहीं हो सका। जबकि शिप्रा में लोगों के डूबने व मौतों का सिलसिला लगातार जारी है। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम शिप्रा के रामघाट पहुंचे थे और 13.30 करोड़ की योजना का ठेका निरस्त कर ठेकेदार को तत्काल ब्लैक लिस्टेड कर नई योजना बनाने को कहा था। स्मार्ट सिटी ने दोबारा से शिप्रा के घाटों पर रेलिंग लगाने के लिए 56 लाख की योजना बनाई लेकिन सितंबर माह शुरू होने के बाद भी काम के कोई -अते पते नहीं।

13 करोड़ में घाटों पर प्लेटफार्म, रेलिंग 

लगने थे अब आर्किटेक्ट को बुलाया

13.30 करोड़ की राशि से शिप्रा नदी के रामघाट, सिद्ध आश्रम, दत्तअखाड़ा समेत इससे लगे प्रमुख घाटों पर एक जैसे प्लेटफार्म का निर्माण व रेलिंग लगाने का काम होना था। योजना को लेकर स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर से इस पर रायशुमारी कर रहे। इनके प्रोफेसरों को शिप्रा नदी के घाटों का जायजा लेने के लिए बुलवा रहे है ताकि स्थायी काम कैसे हो इस पर प्लानिंग हो सके लेकिन ये कब तक हो पाएगी ये तय नहीं है।

घाट पर रेलिंग लगाने के लिए 

अब तीसरा टैंडर जारी किया

स्मार्ट सिटी के एसई नीरज पांडे ने बताया कि शिप्रा के घाटों पर रेलिंग लगाने के लिए 56 लाख रुपए की लागत का टैंडर तीसरी बार जारी किया है। इसके पहले भी टैंडर जारी कर चुके हैं लेकिन कोई नहीं आया। तकनीकी गड़बड़ी के चलते अटक रहे थे।