इंदौर की कान्ह नदी में नालों का दूषित पानी, नगर निगम को दो बार मिल चुका नोटिस

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लगा सकता है जुमार्ना
नगर प्रतिनिधि इंदौर
नदियों को स्वच्छ कर वाटर प्लस का खिताब भले ही इंदौर में हासिल कर लिया हो लेकिन नगर निगम कान्ह नदी में नालों का दूषित पानी जाने से नहीं रोक पा रहा है। हाल ही में मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कान्ह व सरस्वती नदी में जिन सात नालों का पानी मिल रहा है, उनके सैंपल लिए हैं। जांच में नालों में ड्रेनेज का दूषित पानी मिला है। इनमें से कुछ नाले तो ऐसे हैं जिनके पास निगम ने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाया है। मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सांवेर औद्योगिक क्षेत्र में लगे कामन एफ्युलेंट ट्रीटमेंट प्लांट का संचालन करने वाली एजेंसी को नोटिस दे चुका है। इसके अलावा नगर निगम को 14 अगस्त व 22 अगस्त को इस संबंध में नोटिस भी जारी हो चुका है। नालों में मिले गंदे पानी की जांच के आधार पर पहली बार मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इंदौर नगर निगम पर जुमार्ना लगाने की तैयारी कर रहा है। गौरतलब है कि अभी वाटर प्लस को लेकर भी सर्वे चल रहा है। अधिकारियों के मुताबिक, आजाद नगर के नाले में सबसे अधिक बीओडी लेवल 52 मिला है। गौरतलब है कि पालदा के नाले से होकर आजाद नगर के नाले में पानी आता है। ऐसे में पालदा क्षेत्र की औद्योगिक इकाइयों द्वारा दूषित पानी छोड़ने के कारण भी नालों में गंदा पानी आ रहा है।
इतना ही नहीं वर्षा काल में निगम ने पानी निकासी के लिए आउटफाल के कुछ पाइंट को खोला भी है। यही वजह है कि नालों में अभी गंदा पानी मिल रहा है। बता दें कि पिछले दिनों मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बरदरी क्षेत्र की पांच औद्योगिक इकाइयों पर दूषित पानी छोड़ने के मामले में कार्रवाई की थी।