महिदपुर महाविद्यालय में भारत में जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन पर आयोजित हुई राष्ट्रीय वेब संगोष्ठी
महिदपुर । शासकीय महाविद्यालय महिदपुर के अर्थशास्ञ, भूगोल, वाणिज्य स्नातकोत्तर विभाग द्वारा आई . क्यू. ए. सी के मार्गदर्शन में उच्च शिक्षा विभाग मध्य प्रदेश शासन से स्वीकृत राष्ट्रीय वेबीनार “भारत में जलवायु परिवर्तन की स्थिति और आपदा प्रबंधन” विषय अंतर्गत गूगल मिट पर आयोजित हुआ। वेबीनार में देशभर से विषय विशेषज्ञों ने आॅनलाइन संबद्ध होकर मार्गदर्शन प्रदान किया साथ ही अपने सुझाव भी दिए।
कार्यक्रम से मुख्य संरक्षक के रूप में उच्च शिक्षा विभाग उज्जैन संभाग के अतिरिक्त संचालक डॉ. एच. एल. अनिजवाल व विशिष्ट संरक्षक अध्यक्ष जनभागीदारी समिति विमल मेहता संबद्ध थे। वेबीनार के बीज वक्ता बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी के अर्थशास्त्र विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर सी.बी. सिंह, विषय विशेषज्ञ मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर के भूगोल विभाग के पूर्व विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर पी. आर. व्यास तथा विशिष्ट वक्ता गुरु घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर के सह प्राध्यापक डॉ. राजकुमार नागवंशी थे। डॉ. रीना अध्वर्यु ने वेबीनार की भूमिका प्रस्तुत करते हुए कार्यक्रम का संचालन किया। स्वागत भाषण एवं अतिथि परिचय डॉ. पदम सिंह पटेल ने दिया। विषय प्रवर्तन वेबीनार के आयोजन सचिव डॉ प्रभाकर मिश्र ने प्रस्तुत किया। अतिरिक्त संचालक डॉ. अनिजवाल ने अपने उद्घाटन भाषण में इस वेबीनार के विषय की उपादेयता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन आज के समय की एक ज्वलंत समस्या है। विषय विशेषज्ञों का परिचय देते हुए आईक्यूएसी समन्वयक डॉ. सुमन जैन ने उन्हें उद्बोधन हेतु आमंत्रित किया। प्रो. सिंह ने ” क्लाइमेट चेंज इन डिजास्टर मैनेजमेंट इन इंडिया” , प्रो. व्यास , डॉ. नागवंशी आदि ने विस्तार से जानकारी दी।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों में डॉ देवीलता रावत , डॉ राजेश कुमार माहोर , डॉ. राकेश दंड, पूर्व प्राचार्य डॉ. वाय. के. मुखिया, डॉ मोहन निंबोले, प्रतिवेदन वाचन डॉ. प्रज्ञा शर्मा ने किया। अध्यक्षीय उद्बोधन में महाविद्यालय प्राचार्य डॉ आशा सक्सेना ने वेबीनार के औचित्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह ऐसा विषय है, जिस पर जितना भी शोध किया जाऐ कम है, क्योंकि यह विषय किसी व्यक्ति या किसी देश का नहीं बल्कि वैश्विक है। अंत में कार्यक्रम संयोजक डॉ.एस. के. चौधरी ने आभार व्यक्त किया। इस वेबीनार में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, असम, दिल्ली, आदि राज्यों के साथ भारत के विभिन्न भागों से लगभग 130 प्रतिभागियों ने पंजीयन करवाया और लगभग 256 प्रतिभागी गूगल मिट तथा यूट्यूब के माध्यम से सम्बद्ध रहे। कुल 40 प्रतिभागियों ने अपने शोध सारांश प्रस्तुत किये। वेबीनार में तकनीकी सहयोग डॉ. घनश्याम सिंह एवं चंद्रशेखर सिंह ने प्रदान किया। इस वेबीनार में महाविद्यालय स्टाफ से डॉ. जेड. यू. अहिंगर, डॉ. नैना तिवारी, श्रीमती राधा वर्मा, श्रीमती मोनिका बैरागी, श्रीमती हूमेरा खान, शैलेंद्र कुमार सेंगर, श्री नानूराम मुवेल, डॉ. रविन्द्र नागदेव आदि समस्त स्टाफ सदस्य एवं विभिन्न महाविद्यालयों के प्राध्यापक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी संबद्ध रहे।