ब्यावरा/राजगढ़ : मानक सामग्री की चाट बेचने पर खाद्य विभाग ने लिए सैंपल
ब्यावरा/राजगढ़ । दूषित सामग्री से बनी चाट बेचने पर खाद्य विभाग ने सुमित चाट भंडार पर जाकर सैंपल लिए और जांच को लेबोरेट्री भेजे, दूषित सामग्री से निर्मित चाट की शिकायत पर जहां जागरूक लोगों ने इसकी शिकायत की थी वहीं जिला जेल की दीवार से लगाकर इस चाट सेंटर पर लगने वाली भीड़ के कारण संदिग्धता पर जेल अधीक्षक ने इस चाट सेंटर को जेल सीमा से दूर हटाने निर्देश दिए थे। शाम को सुमित चाट का संचालन जेल से कुछ दूर कर रहा था और पुन: अमानक सामग्री के उपयोग पर जिला खाद्य विभाग के इंस्पेक्टर ने मौके से विभिन्न सैंपल लेकर जांच के लिए लेबोरेट्री भेजे लेकिन इस कार्यवाही के दौरान उस समय नजारा देखने लायक था जब अमानक खाद्य सामग्री की जांच सैंपल के साथ-साथ चाट विक्रेता की ग्राहकी भी बदस्तूर जारी थी।
गौरतलब है कि जिला चिकित्सालय में भी बदलते मौसम के साथ दूषित सामग्री से निर्मित खाद्य पदार्थ के सेवन से संक्रमित मरीज भी आम दिनों की अपेक्षा अधिक मात्रा में पहुंच रहे हैं।
खोमचा संचालक टिक्की बेचने वाले पानी को तीखा व खट्टा करने के लिए कई तरह के केमिकलों का उपयोग करते हैं। ये केमिकल फूड प्वाइजनिंग की वजह बनते हैं। फूड सेफ्टी अधिनियम के मुताबिक खाद्य सामग्री सर्व करते समय हाथों में दस्ताने होने चाहिए, लेकिन कोई भी ठेले या खोमचे वाला पानी की टिक्की देते समय दस्तानों का उपयोग नहीं करता। जहां पर ठेला लगाया जाता है वहां पर वाहनों की वजह से धूल व गंदगी आती है। ठेले वाले टिक्की, पानी व खाद्य सामग्री को ढंक कर भी नहीं रखते। इसलिए भी ये चीजें खतरनाक होती हैं। ठेलों में व आसपास साफ सफाई भी नहीं रहती। इसलिए भी पानी में खतरनाक रोगों के बैक्टीरिया जाने का खतरा रहता है।
जिस तरह तिलावली में पानी की टिक्की पिलाने के बाद से बेचने वाला गायब है और पुलिस उसका पता नहीं लगा पाई है। इसी तरह अन्य ठेले वालों का भी कोई रिकार्ड नहीं है। ऐसे में किसी भी ठेले से चाट खाने के बाद लोग बीमार हो जाएं तो बेचने वाले का पता ही नहीं लग सकता।