आस्था कहें या अंध विश्वास, महाकाल लोक के सफेद पत्थर पर श्रद्धालुओं का आघात
उज्जैन। देश भर में अपनी एक अलग ही पहचान बनाने वाले महाकाल लोक के सफेद पत्थरों और दिवारों को अंध आस्था ओर अंध विश्वास से नुकसान पहुंच रहा है।जैसी की शुरूआत में उम्मीद थी की दिवारों को लोग नुकसान पहुंचाएंगे और यहां की सामग्री को भी ऐसे ही मामले बराबर सामने आ रहे हैं।श्रद्घालु दिवारों पर पत्थर रख रहे हैं और यहां सौंदर्य के लिए रखे सफेद पत्थर को साथ लेकर जा रहे हैं।
श्रद्धालु मन कामना पुर्ति के लिए पत्थर को दिवारों पर रखकर और साथ लेकर जा रहे , महाकाल लोक को नुकसान
भगवान श्री महाकाल के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु श्री महाकाल लोक को देखे बगैर नहीं रह पाते हैं । इसके सौंदर्य एवं एक ही स्थान पर शिव से परिपूर्ण जानकारियों को देख कर श्रद्धालु अभिभूत हो जाते हैं। इसी सब के बीच श्रद्धालु अंध आस्था और अंध विश्वास में भी एक दुसरे की देखा देखी करने लगते हैं। अंधविश्वास के चलते या फिर एक दूसरे को देखकर महाकाल लोक की दीवारों को नुकसान पहुंचा रहे हैं ।महाकाल लोक की दीवार के साइड में सुंदरता के लिए रखे गए सफेद गोल पत्थरों को लोग दीवार की नक्काशी के अंदर ठोक भी रहे हैं, और दिवारों की नक्काशी को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
कई लोग इन पत्थरों को अपने साथ ले जा रहे हैं। अंध आस्था और अंध विश्वास से घिरे ऐसे ही श्रद्धालु मन कामना की पूर्ती के लिए महाकाल लोक की दिवारों एवं गमलों के पास रखे सफेद पत्थरों को दिवारों पर टिकाने लगे हैं कतिपय तत्वों ने उनकी मानसिकता बना दी की ऐसा करने से खुद के मकान की इच्छापूर्ति होती है।यही नहीं महाकाल लोक का सफेद पत्थर साथ ले जाने से घर में आने वाली बाधाएं दूर होती है।इस तरह की बातों के भ्रम में उलझे देश भर से आने वाले श्रद्धालु भगवान श्री महाकाल के दर्शन के उपरांत श्री महाकाल लोक में भ्रमण के लिए आते हैं और यहां रखे सफेद पत्थरों को उठा कर महाकाल लोक की दिवार पर टिकाते हैं। दिवार पर ऐसे अनेक पत्थर देखे जा सकते हैं।
यही नहीं कुछ श्रद्धालु पत्थर उठा कर अपने बैग में रखने में देर नहीं करते हैं।पूछने पर उनका कहना होता है कि मनकामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान के सफेद पत्थरों को जमाकर अपने भवन की इच्छा भगवान के यहां रखकर जा रहे हैं।मन इच्छा पुरी होने पर फिर से आकर भगवान का धन्यवाद अदा करेंगे।पत्थर साथ ले जाने के पीछे भी उनका इसी तरह का अंध विश्वासी तर्क होता है कि इस पत्थर को रखने से घर में परिवार के सदस्य बाधाओं से मुक्त होते हैं। प्रशासन को चाहिए कि इस अंध विश्वास की सि्थति को तोडने के साथ ही यहां पर सुरक्षाकर्मियों के माध्यम से ऐसी हरकतों पर सख्ती से रोक लगाने के उपाय किए जाएं जिससे कि महाकाल लोक की सुंदरता को बनाए रखा जा सके।