एकमात्र कसौटी के पत्थर से निर्मित कृष्ण को जन्माष्टमी पर पहनाई जाती है मंहगी हीरे जड़ित पोषाक
नगर प्रतिनिधि इंदौर
विभिन्न मतों व पंथों को मानने वाले शहर के प्राचीन श्रीकृष्ण मंदिर अपनी विशेष पूजन पद्धति के साथ ऐतिहासिक महत्व है। ऐसा ही 251 वर्ष प्राचीन आड़ा बाजार स्थित राधा-कृष्ण और प्रणामी संप्रदाय का गोराकुंड में प्राचीन राधा-कृष्ण मंदिर है। आड़ा बाजार में स्थित होलकरकालीन मंदिर की ख्याति एकमात्र ऐसे मंदिर के रूप में है, जहां विराजित डेढ़ फीट की कृष्ण की मूर्ति कसौटी के पत्थर से निर्मित है और जन्माष्टमी पर राधा संग कान्हा का शृंगार वर्ष में एकबार महंगे हीरे-जड़ित वस्त्रों और रत्न वाली मालाओं के साथ स्वर्ण आभूषण से किया जाता है। गोराकुंड स्थित मंदिर में तो 400 वर्ष पुराने ग्रंथों को ही राधा-कृष्ण का स्वरूप देकर पूजन 103 वर्ष से किया जा रहा है।
प्रणामी संप्रदाय के गोराकुंड स्थित 103 वर्ष पुराने राधाकृष्ण मंदिर में 400 वर्ष पुराने ग्रंथों को पोशाक, मोर-मुकुट पहनाकर चांदी के सिंहासन पर विराजित कर राधाकृष्ण का स्वरूप दिया गया है। राधाकृष्ण का स्वरूप संप्रदाय के ग्रंथ तारतम वाणी और श्रीमद् भगवत गीता को दिया गया है। ग्रंथ में वेद, पुराण, श्रीमद्भगवद्गीता और कुरान का सार समाहित है। यहां भगवान का हर दिन पांच बार पूजन होता है और पान का भोग लगाया जाता है।