वसुधैव कुटुम्बकम् – समिट के वेन्यू ‘भारत मंडपम’ में भारत की संस्कृति की झलक देखने को मिली, पीएम मोदी की अध्यक्षता में जी-20 की एतिहासिक सफल रही : शिवराजसिंह चौहान

भारत में हुए शिखर सम्मेलन को अमेरिका ने बताया ‘पूरी तरह कामयाब’, जमकर की तारीफ

ब्रह्मास्त्र नई दिल्ली

जी-20 शिखर सम्मेलन की शानदार मेजबानी और नई दिल्ली लीडर्स डिक्लेरेशन (एनडीएलडी) को सर्वसम्मति के साथ स्वीकारे जाने के लिए भारत और पीएम मोदी के नेतृत्व की दुनियाभर में तारीफ हो रही है। ज्यादातर वैश्विक मीडिया घरानों ने वैश्विक दक्षिण की आवाज के रूप में भारत के बढ़ते दबदबे की तारीफ की है। दुनियाभर में जी-20 सुर्खियों में रहा।

मशहूर अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट ने वैश्विक चिंताओं को दूर करने और सभी विकासात्मक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर 100 फीसदी सहमति हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए लीड स्टोरी के शीर्षक में लिखा, भारत ने जी-20 शिखर सम्मेलन में विभाजित विश्व शक्तियों के बीच समझौता कराया, पीएम मोदी की बड़ी कूटनीतिक जीत।

अमेरिका ने भारत की अध्यक्षता में रविवार को संपन्न जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन को पूरी तरह सफल बताया है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा मानना है कि यह एक बड़ी सफलता है। जी-20 एक बड़ा संगठन है। रूस और चीन इसके सदस्य हैं। दरअसल, प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मिलर से सवाल किया गया कि क्या जी-20 शिखर सम्मेलन सफल रहा। वहीं, नई दिल्ली घोषणापत्र से रूस की गैरमौजूदगी के बारे में उन्होंने कहा, सदस्य देशों के विभिन्न प्रकार के विचार हैं। हम इस तथ्य पर विश्वास करते हैं कि संगठन एक बयान जारी करने में सक्षम रहा, जो क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करने का आह्वान करता है। यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण बयान है क्योंकि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के मूल में यही है।
दुबई स्थित मीडिया संगठन गल्फ न्यूज ने इस पहलू पर जोर दिया कि कैसे 18वें जी-20 शिखर सम्मेलन ने सद्भाव और विविधता में दुनिया को आकार दिया। अखबार ने लिखा, 18वां जी-20 शिखर सम्मेलन ने विविधता और सद्भाव की दुनिया को आकार दिया। आॅस्ट्रेलियाई समाचार न्यूज आउटलेट एबीसी न्यूज ने प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज को घेरते हुए लिखा कि उन्होंने जी-20 शिखर सम्मेलन के समापन के साथ यूक्रेन पर कमजोर समझौते की सराहना की है।

ब्रिटिश दैनिक द टेलीग्राफ ने नई विश्व व्यवस्था का मुख्य आकर्षण बनने के लिए भारत के कदम के बारे में बात की। अखबार ने शीर्षक में लिखा, क्यों भारत नई विश्व व्यवस्था का केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। भारत की अध्यक्षता में जी-20 शिखर सम्मेलन में जलवायु संकट जैसी आम चुनौतियों से निपटने पर सार्थक चर्चा की गई। कतर के अल जजीरा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि जी-20 शिखर सम्मेलन सफलतापूर्वक समाप्त हो गया है और रूस ने संतुलित घोषणा की सराहना की है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने लिखा, भारत में जी-20 शिखर सम्मेलन बैठक समाप्त, अमेरिका-रूस ने जी20 शिखर सम्मेलन की प्रशंसा की।

नई दिल्ली। ब्राजील के राष्ट्रपति लुइस इनासिया लूला डी सिल्वा ने भारत को बधाई देते हुए कहा कि उसने जी20 शिखर सम्मेलन का असाधारण आयोजन किया। भारतीयों से उन्हें गर्मजोशी भरा आतिथ्य मिला। ब्राजील पर अगले साल जी-20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता और मेजबानी की बड़ी जिम्मेदारी है। सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि ब्राजील अपनी अध्यक्षता में वैश्विक असमानता को बुनियादी मुद्दा बनाएगा। डी सिल्वा ने अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) संधि पर हस्ताक्षर को लेकर अपने ही देश पर सवाल खड़ा किया है। सोमवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, मैं आईसीसी संधि के मुद्दे का अध्ययन करना चाहता हूं।
इस संधि पर अमेरिका, रूस या भारत किसी ने हस्ताक्षर नहीं किए हैं। ऐसे में मैं जानना चाहता हूं कि आखिर ब्राजील ने हस्ताक्षर क्यों किए।
पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के समिट में शामिल न होने पर सिल्वा ने कहा, मैं इसकी वजह नहीं जानता। हालांकि, ब्राजील में समिट के लिए दोनों को आमंत्रित किया जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले शिखर सम्मेलन में दोनों शामिल होंगे।

जी20 समिट में शामिल नहीं हुए पुतिन
रूस के विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव ने रविवार का बताया कि रूस जमा हुए रुपये को भारत में निवेश करेगा। इसके लिए भारत की ओर से निवेश के फायदेमंद विकल्प रूस को सुझाए जाएंगे। लावरोव जी20 शिखर सम्मेलन के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस बार के जी20 शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने खुद हिस्सा नहीं लिया। उनके बदले रूसी विदेश मंत्री ने शिखर सम्मेलन में अपने देश का प्रतिनिधित्व किया।

मिलकर निकाला जा रहा समाधान
लावरोव ने रिपोर्टर्स के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि भारत ऐसे क्षेत्रों के बारे में रूस को बताएगा, जहां रूस अपने पास जमा हुए भारतीय रुपये को निवेश कर सकता है। उन्होंने कहा कि जी20 समिट से पहले जकार्ता में इस बारे में उनकी बातचीत विदेश मंत्री एस जयशंकर से हुई थी। लावरोव ने कहा कि दोनों देशों की सरकारें इस मुद्दे का ऐसा हल निकालने का प्रयास कर रही हैं, जिससे दोनों देशों को फायदा हो सके।