ऊर्जा के क्षेत्र में ऊर्जावान शिवराज का बड़ा कदम, मध्य प्रदेश बनेगा बिजलीधानी

 

उज्जैन। देशभर में अपने आप को स्थापित करने के लिए यदि प्रदेश में कोई योजना लागू होती है तो उसकी सफलता और असफलता सरकार तथा खासकर राज्य के मुखिया की रुचि पर निर्भर ज्यादा होती है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कल्याणकारी योजनाओं के लिए हमेशा रुचि लेते आए हैं। यही कारण है कि मध्य प्रदेश भी तेजी से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। मध्य प्रदेश सरकार ने देश में प्रदेश को बिजलीधानी के रूप में स्थापित करने के प्रयासों के साथ अपनी जो प्रतिबद्धता जाहिर की है, उससे आने वाले समय में मध्य प्रदेश को देश में बिजली की राजधानी का दर्जा भी मिल सकता है। इन्हीं प्रयासों के बीच खंडवा जिले में ओंकारेश्वर बांध पर फ्लोटिंग यानी तैरता सोलर पावर प्लांट तेजी से पूर्णता की ओर बढ़ रहा है। इस प्लांट से पहले चरण में ही 278 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा।

मप्र में सबसे बड़ा फ्लोटिंग पॉवर प्लांट

नए फ्लोटिंग सोलर प्लांट के साथ इंदौर संभाग का जिला खंडवा मध्य प्रदेश का एकमात्र जिला बन जाएगा, जहां थर्मल पावर स्टेशन, जल विद्युत और सौर ऊर्जा होगी। इस वक्त देश में कुछ फ्लोटिंग पावर प्लांट हैं,लेकिन वह मध्य प्रदेश की तुलना में बहुत छोटे हैं। नर्मदा नदी पर ओंकारेश्वर बांध में बनने वाली 600 मेगावाट तक की सौर ऊर्जा से जल्द ही बिजली उत्पादन शुरू होने वाला है।

पानी और सोलर से बनेगी बिजली

यह भी ध्यान रहे कि इंदौर संभाग के इस जिले खंडवा में पानी, कोयला और अब सोलर से बिजली उत्पन्न हो रही है। खंडवा देश का एकमात्र ऐसा जिला है, जहां थर्मल यानी कोयला हाइडिल यानी पानी और सोलर से बिजली बनेगी। इनमें थर्मल और हाइडिल से तो पहले से ही बिजली बन रही है।