विश्व शांति महासम्मेलन में जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी शैलेशानन्द गिरी आमंत्रितसियोल साउथ कोरिया में जुटेंगे विश्व भर के धर्मगुरु
उज्जैन । 18 से 20 सितंबर 2023 को साउथ कोरिया की संस्था एचडब्ल्यूपीएल के नवें स्थापना दिवस पर होने जा रहे विश्व शांति महासम्मेलन में जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी शैलेशानन्द गिरी को आमंत्रित किया गया है। इस विश्व शांति बैठक में सियोल साउथ कोरिया में विश्व भर के धर्मगुरु एकत्रित होंगे।
महासम्मेलन में विश्व भर की शासकीय व्यवस्था, अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ और विश्व भर के धर्म समाजों के प्रतिनिधियों के मध्य में विश्व के धार्मिक शांति के ऊपर मंथन किया जाएगा। सनातन धर्म को लेकर विश्व भर में अभियान चला रहे संस्था अध्यक्ष मैन ही ली ने स्वामी शैलेशानन्द गिरि को मुख्य रूप से आमंत्रित किया है।
उल्लेखनीय है की विगत दो दशकों से स्वामीजी अपना कर्तव्य क्रांति अभियान और अवसाद के खिलाफ अभियान विश्व भर में निरंतर रूप से संचालित कर रहे हैं। हेवनली कल्चर वर्ल्ड पीस रेस्टोरेशन आॅफ लाइट, वर्ल्ड पीस अकैडमी (एचडब्ल्यूपीएल) संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक और सामाजिक काउंसिल से संबद्ध है और सियोल मेट्रोपॉलिटन गवर्नमेंट के संबद्ध है जो की साउथ कोरिया की विदेश मंत्रालय के सामाजिक दायित्व के प्रति क्रियाशील है। एचडब्ल्यूपीएल एक शांति संगठन है जिसकी स्थापना विश्व में युद्ध को रोकने और आने वाली पीढ़ी के लिए शांति स्थापित करने के उपक्रम में संलग्न रहने का है। उक्त संस्था अपनी शांति और सद्भाव के कार्यक्रम 170 देश में भिन्न राष्ट्रीयता और धार्मिक परिवेशों के मध्य में संचालित कर रही है। उक्त संस्था महिला और युवा संगठनों के साथ मिलकर के संपूर्ण विश्व में अपनी महिती भूमिका निभा रही है जिसके जरिए शांति अधिकार संरक्षण, नागरिक के रूप में कर्तव्य निर्वहन के कार्यक्रम संचालित करती रहती है।
मैन ही ली द्वितीय विश्व युद्ध के योद्धा है जिन्होंने कोरियन युद्ध के अंदर हिस्सा लिया और युद्ध की विभीषीकाओं का क्रूर अनुभव भी लिया। वे वर्तमान में विश्व शांति अभियान के एक महत्वपूर्ण नेता है, 2014 में मैन ही ली 32 यात्राओं के अंदर विश्व शांति के दौरे पर गए 100 देश से ज्यादा का उन्होंने दौरा किया। उन्हें 19 जुलाई 2016 में महात्मा गांधी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। उक्त पुरस्कार पूर्व में नेल्सन मंडेला और जीनी कार्टर को दिया जा चुका है। महात्मा एमके गांधी फाउंडेशन की तरफ से उन्हें अहिंसा और शांति का सम्मान प्राप्त हुआ।
महामंडलेश्वर स्वामी शैलेशानंद गिरि के अनुसार उनकी महिती भूमिका अपने व्याख्यान और चचार्ओं के माध्यम से जो कि सनातन धर्म एकमात्र सूत्र विश्व शांति और सद्भाव का विषय पर होगा और विगत चार माह से चल रहे निरंतर व्याख्यानों के माध्यम से 500 से अधिक भिन्न धर्म गुरुओं को उन्होंने इस बात पर सहमत किया की सनातन धर्म एकमात्र धर्म है जिसकी शिक्षाओं में विश्व के समस्त धर्म का निचोड़ समाहित है। अत: आने वाले समय के लिए उक्त यात्रा निश्चय ही सनातन के वैभव को संपूर्ण विश्व में स्थापित करने के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित होगी।