डायमंड लगे कटर से मेट्रो प्लेटफार्म की हो रही कटाई, 900 मीटर के टेस्टिंग ट्रैक पर मेट्रो कोच को चला कर की गई जांच

इंदौर ।  इंदौर में मेट्रो कोच जिस प्लेटफार्म से होकर गुजरेगा, उसके निर्माण में डायमंड का इस्तेमाल किया जा रहा है। मेट्रो कोच को प्लेटफार्म पर लाने के पहले स्ट्रक्चर गेज को पटरियों पर चला कर जांच की गई। ऐसे में स्ट्रक्चर गेज के पाइप प्लेटफार्म के जिस भी हिस्से से टकरा रहे हैं, उस सीमेंट कांक्रीट के हिस्से को डायमंड कटर से काटा जा रहा रहा है।
गांधी नगर स्टेशन व सुपर कारिडोर स्टेशन नंबर-3 पर दो डायमंड कटर का उपयोग किया जा रहा है। इस कटर में उपयोग होने वाली ब्लेड में डायमंड के टुकड़े लगे हुए हैं। इस वजह से कटर में लगी एक स्टील की ब्लैड की कीमत ही एक से डेढ़ लाख रुपये है।
पांचों प्लेटफार्म के कुछ-कुछ हिस्सों की हो रही छंटाई : मेट्रो कोच का ट्रायल रन गांधी नगर स्टेशन से सुपर कारिडोर मेट्रो स्टेशन नंबर-3 तक 5.9 किलोमीटर की दूरी तक होना है। इस बीच में मेट्रो के पांच स्टेशन आ रहे हैं। स्टेशन नंबर-3 पर करीब चार स्थान ऐसे हैं, जहां प्लेटफार्म का हिस्सा निर्धारित मापदंड से 10 से 15 सेंटीमीटर आगे बढ़ा हुआ है। इसे ही डायमंड कटर से काटा जा रहा है। इसी तरह गांधी नगर स्टेशन पर भी तीन स्थानों पर छंटाई की जा रही है। इसके अलावा मेट्रो के अन्य प्लेटफार्म पर करीब 15 से ज्यादा स्थानों पर डायमंड कटर का उपयोग कर छंटाई की जा रही है। प्लेटफार्म के तय मापदंड से बाहर निकले सीमेंट कांक्रीट के हिस्सों को काटने के बाद सोमवार या मंगलवार को मेट्रो कोच को वायडक्ट से प्लेटफार्म तक लाया जाएगा।टेस्ट ट्रैक पर 5 से 6 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से चली मेट्रो
गांधी नगर डिपो के मेट्रो कोच की प्री-टेस्टिंग सेफ्टी रन के बाद रविवार को मेट्रो को 900 मीटर के टेस्ट ट्रैक पर चलाया गया। शनिवार को जहां मेट्रो 2 से 3 किलोमीटर प्रतिघंटे की स्पीड से डिपो में चली थी, वहीं रविवार को मेट्रो कोच टेस्ट ट्रैक पर 5 से 6 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से चले। इस ट्रैक पर तीन से चार बार चला कर कोच के ब्रेकिंग सिस्टम, स्पीड व एक्सीलेटर की जांच की गई। डिपो परिसर के जिस हिस्से में कोच को अनलोड किया गया था, उसके पास में ही यह टेस्ट ट्रैक बना हुआ है। इस पर मेट्रो कोच के सारे फंक्शन की जांच होने के बाद उसे वायडक्ट व प्लेटफार्म पर चलाया जाएगा।