जिलों में भारत निर्वाचन की आनलाईन निविदा की गई है या मजाक…!

-अपने तईं नियम चल रहे,अधिकांश जिलों में मनमानी और भेदभाव के नियमों से चल रहा काम

इंदौर ।विधानसभा चुनाव के लिए भारत निर्वाचन आयोग के तहत जिलों में तैयारियां पूर्णता की और है।तैयारियों के लिए प्रदेश के जिलों में अलग-अलग आनलाईन निविदाएं विडियोग्राफी एवं सीसी टीवी के साथ ही अन्य कार्यों के लिए निकाले गए हैं।इन आनलाईन निविदाओं में प्रदेश के जितने जिले उतने अपने तईं नियम चल रहे हैं। आनलाईन के नियमों को मानों ताक पर रखकर मनमानी स्वार्थपूर्ति और भेदभाव का नियम ही यहां प्रमुखता से काम कर रहा है।

भारत निर्वाचन आयोग के तहत विधानसभा चुनाव की तैयारी की जाती है।इसके कार्यों के लिए निविदाएं आमंत्रित की जाती है।प्रदेश के तमाम जिलों ने अपने अपने हिसाब से नियम और शर्तें बनाकर निविदाएं आनलाईन जारी की है।इनमें एक रूपता न होना ही असमानता की सि्थति को साफ कर रहा है।

प्रकरण -1

इंदौर में तकनीकी बीड खोलने के बाद नहीं दिखाई दे रही

इंदौर में विडियोग्राफी की निविदा आमंत्रित की गई थी। निविदा 23-08-2023 को खोली जाना थी,उसकी अपेक्षा निविदा की तकनीकी बीड 09-09-2023 को खोली गई। इसके बाद भी निविदाकारों को 14 सितंबर तक निविदा में हिस्सा लेने वाले अन्य ठेकेदारों की जानकारी आनलाईन देखने को नहीं मिल रही थी। निविदा की वित्तीय बीड को 12-09-2023 को खोली जाना थी वह अब तक नहीं खोली गई है।इसे भी अपने हिसाब से ही अपने नियमों से ही खोलने का काम होगा।सभी 10 निविदाकारों को 06 दिन बाद भी यह नहीं पता लग रहा है कि उनकी तकनीकी निविदा स्वीक्रत की गई है या नहीं। आनलाईन सिर्फ इतना भर सामने आ पा रहा है कि 10 निविदाकार में से 04 अपात्र पाए गए हैं लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वे 04 अपात्र फर्म कौनसी हैं। इससे भ्रम पूर्ण सि्थति का निर्माण हो रहा है। इसका जिम्मेदार जिला निर्वाचन कार्यालय इंदौर ही है।इससे विपरित मंदसौर और अन्य कई जिलों में तकनीकी बीड खोलने के तुरंत बाद ही सभी ठेकेदार के नाम और सि्थति आनलाईन शो होने लगी थी।तय है कि अपने चहेते ठेकेदार को उपक्रत करने के लिए ही यहां आनलाईन के नाम पर भेदभाव और मनमानी की जा रही है।

नीमच में भी इंदौर से हाल- खास तो यह है कि प्रदेश के नीमच जिला में भी औघोगिक राजधानी इंदौर का अनुसरण किया है।नीमच में तकनीकी बीड 08 अगस्त को खोली गई थी जो आनलाईन पर दर्शित हो रहा है।वित्तीय बीड 04 सितंबर को खोले जाने का दर्शित हो रहा है,लेकिन न तो तकनीकी बीड में शामिल निविदाकारों की जानकारी और पात्र अपात्र की सि्थति प्रदर्शित ही हो रही है और न ही वित्तीय बीड में किस निविदाकार की निविदा स्वीक्रत हुई है और किन दरों पर जिला निर्वाचन कार्य करवा रहा है यह भी आनलाईन प्रदर्शित नहीं हो रहा है।

प्रकरण-2

मंदसौर में  जिला निर्वाचन कार्यालय से विडियोग्राफ सीसी टीवी आदि कार्य की आनलाईन निविदा 28-08-2023 को आमंत्रित की गई थी।निविदा 29 अगस्त को खोल ली गई ।04 सितंबर को सभी प्राप्त निविदाओं की तकनीकी बीड की जांच के पूर्व ही सभी की वित्तीय निविदा को खोलने हेतु पात्र कर दिया गया,जबकि तकनीकी मुल्यांकन का कार्य पूर्ण ही नहीं हुआ था।इसमें विडियोग्राफी माफिया का खेल ही बताया जा रहा है।उनके द्वारा ही सिंडिकेट से बाहर के ठेकेदारों को निपटाने के लिए यह खेल खेला गया है।सूत्रों के अनुसार मंदसौर में निविदा की शर्तें रखने के दौरान से ही खेल की शुरूआत हो गई थी।माफिया ने एक त्रुटि का सहारा लेकर अपने प्रतिद्वंदियों को चारों खाने चित्त कर दिया और खास बात तो यह है कि एक नोट शीट के माध्यम से निविदा समिति ने इस त्रुटि को मान्य कर आनलाईन पोर्टल पर भी अपलोड कर दिया।

सिहोर जिला निर्वाचन कार्यालय की शर्तें ही हास्यास्पद रखकर माफिया सिंडिकेट ने अपना खेल खेला है।यहां निविदा की शर्त रखी गई की अगर किसी भी ठेकेदार ने पूर्व में प्रदेश के किसी भी जिला निर्वाचन कार्यालय के विरूद्ध किसी भी प्रकार का न्यायलयीन प्रकरण लगाया हो चाहे वह बकाया भूगतान से संबंधित हो तो ऐसे ठेकेदार निविदा में भाग नहीं ले सकेंगे।विडियोग्राफी माफिया और सिंडिकेट की पकड का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है।राजगढ में जिला निर्वाचन कार्यालय ने आनलाईन प्रक्रिया को ही माफिया सिंडिकेट के हवाले कर दुषित कर दिया । आनलाईन निविदा जमा करने के अंतिम समय के 03घंटे पूर्व ही सभी निविदाकारों से उनके आनलाईन में समस्त अपलोड दस्तावेज आदि की हार्डकापी को ले लिया था जिससे चहेते निविदाकार को उपक्रत किया जा सके साथ ही निविदा में हिस्सेदारी करने वाले ठेकेदारों की जानकारी  और कार्य दर का भी पता किया जा सके ।

देवास में प्रतिबंधित राजगढ में हिस्सेदारी-

देवास जिला निर्वाचन कार्यालय ने देवास की एक फर्म को देवास जिला की विडियोग्राफी निविदा के लिए प्रतिबंधित किया है।अगस्त माह में इसे लेकर देवास जिला निर्वाचन कार्यालय में यह नोटशीट पर आदेश हुआ है और आनलाईन इसे अपलोड कर दिया गया। इसके विपरित संबंधित फर्म राजगढ एवं अन्य जिलों की निविदा में भाग लिया।राजगढ में बीड लिस्ट में इस फर्म को दुसरे क्रम पर रखा गया है।