शहर-गांव में आसमानी बारिश थमी तो शुरू हो गई मुसीबत की बारिश

 

पुलिया डुबने से 2 हजार लोगों की रुकी आवाजाही; घरों में घुसे कीचड़ से गृहस्थी बर्बाद

इंदौर। शुक्रवार और शनिवार को तेज बारिश के बाद रविवार- सोमवार को आसमानी बारिश थमी तो मुसीबतों की बारिश शुरू हो गई। बस्तियों में सबसे ज्यादा खराब हालात बन गए। पानी उतरा तो घरों के सामने कीचड़ फैल चुका था। रविवार का पूरा दिन लोगों ने घर का सामान व्यवस्थित करने में बिताया। गृहस्थी पूरी तरह बर्बाद हो गई। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में नदी, नालों और तालाब का पानी अभी भी आफत बना हुआ है। कबूतरखाना, नॉर्थतोड़ा, कुशवाह नगर, महेश नगर व चंदन नगर की बस्तियों के जिन परिवारों को शिफ्ट किया था, वे रविवार सुबह घर तो लौटे लेकिन हालात अब भी रहने लायक नहीं है। शाम को सभी को वापस धर्मशालाओं का ही आसरा लेना पड़ा।
शहर में कुछ इलाके ऐसे भी हैं, जहां सड़क पर अभी पानी भरा हुआ है। सियागंज, चंदन नगर से लेकर नॉर्थ तोड़ा सहित कई कॉलोनियों में पानी जमा है। इससे व्यापार प्रभावित हुआ है, क्योंकि लोगों ने दुकानें ही नहीं खोलीं। शनिवार को भी इसी वजह से दुकानें बंद थीं। रविवार को भी यही स्थिति रही।
एमटीएच अस्पताल का तलघर तालाब बन चुका है। करंट न फैले, इसलिए चारों लिफ्ट बंद करना पड़ी। गर्भवती व डॉक्टरों को सीढ़ियों या रैंप का इस्तेमाल करना पड़ेगा। पानी निकालने के लिए नगर निगम से मशीन बुलवाई गई। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक पानी निकालने में 3 दिन और लगेंगे।

पुलिया पर पानी, शाहपुरा के दो हजार लोग अटके

पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश से सबसे ज्यादा देपालपुर में इसका असर देखा गया है। इस सीजन में देपालपुुर में अब तक 68 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। इस दौरान जहां 50 से ज्यादा गांवों की सोयाबीन की फसलों को नुकसान हुआ है वहीं यहां शाहपुरा गांव ऐसा है जहां सबसे ज्यादा पानी अभी भी भरा हुआ है।
दरअसल, यहां मुख्य मार्ग की एक पुलिया सात साल से क्षतिग्रस्त है जो पानी में डूब गई है और शाहपुरा तालाब का पानी लगातार बह रहा है। इस कारण इस रास्ते से आवाजाही बंद है। गांव की आबादी करीब 2 हजार है। सात साल से वे जनप्रतिनिधियों से नई पुलिया बनाने की गुहार कर रहे हैं।