लापरवाही ने छीनी नवजात की आंखें, हॉस्पिटल पर 85 लाख रुपए हर्जाना

पिता ने लड़ी 19 साल लंबी कानूनी लड़ाई

जबलपुर। जन्म लेते ही डॉक्टरों की लापरवाही से एक नवजात की आंखों की रोशनी चली गई। जब पिता को इस बात का पता चला तो उन्होंने बेटी के इलाज के लिए देशभर की खाक छानी। पिता उन गुनहगारों से भी लड़ा जिन्होंने उसकी बेटी को दुख पहुंचाया था। 19 साल तक कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद पिता ने अपनी बेटी को एक ऐसा उपहार दिया है, जिसे सालों तक न सिर्फ हर पिता बल्कि हर बेटी याद भी रखेगी। बेटी के हक के लिए पिता ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और फिर पिता को जब जीत मिली, तो बेटी बोलीं… थैंक्स पिता जी।
बता दें कि बचपन में आयुष्मान चिल्ड्रंस अस्पताल के संचालक चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर मुकेश खरे की गलती के कारण बच्ची साक्षी की आंखों की रोशनी चली गई थी। इसको लेकर उसके पिता ने 2004 में राज्य उपभोक्ता फोरम भोपाल में केस दायर किया था। इस पर 22 सितंबर 2023 को फैसला देते हुए उपभोक्ता फोरम ने 60 दिनों के अंदर 40 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान और 12 अप्रैल 2004 से भुगतान दिनांक तक 6% प्रतिवर्ष की दर से ब्याज का भुगतान करने को कहा है। इस हिसाब से करीब 85 लाख का भुगतान अस्पताल और डॉक्टर को करना होगा।