परंपरागत रूप से निकली काल भैरव महाराज की पालकी… केंद्रीय जेल भैरवगढ़ पर दी गई सलामी
उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध काल भैरव मंदिर से परंपरागत रूप से निकली डोल ग्यारस पर काल भैरव महाराज की सवारी मंदिर के पुजारी धर्मेंद्र चतुर्वेदी ने जानकारी देते हुए बताया कि प्राचीन परंपरा के अनुसार प्रतिवर्ष साल में दो बार काल भैरव महाराज की सवारी निकाली जाती है एक सवारी काल भैरव जयंती पर व दूसरी सवारी डोल ग्यारस पर निकलती है सवारी को केंद्रीय जेल भैरवगढ़ पर सलामी दी जाती है और आरती की जाती है उसके बाद में सवारी भैरवगढ़ क्षेत्र के विभिन्न मार्ग को होती हुई सिद्ध वट पर पहुंचती है जहां पर शिप्रा नदी की आरती की जाती है जहां पर सिद्धवट महाराज से काल भैरव जी का मिलन होता है उसके बाद में सवारी पुनः मंदिर पहुंचती है।