इंदौर में सालों तक नहीं होगी पानी की किल्लत, गांवों में भी मिलेगा भरपूर पानी, ये है योजना
इंदौर । हाल ही में हुई जोरदार बारिश के बाद शहर के तालाब लबालब हो गए हैं। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि इस वर्ष शहर को जल संकट से राहत मिलेगी। शहरवासियों को तालाबों से जून 2024 तक पानी मिलता रहेगा। इधर नर्मदा का चौथा चरण लाने का प्रयास भी तेज हो गया है। उम्मींद जताई जा रही है कि सब कुछ ठीक रहता है तो वर्ष 2025 के अंत तक नर्मदा का चौथा चरण इंदौर पहुंच जाएगा। इसके बाद इंदौर को रोजाना 800 एमएलडी से ज्यादा पानी मिलने लगेगा। यह वर्ष 2040 तक के लिए पर्याप्त रहेगा।
अब तक लाए गए तीन चरण
वर्तमान में इंदौर में बिलावली और सिरपुर तालाब से ही कुछ हिस्सों में पानी सप्लाय होता है। अमृत 2.0 परियोजना के तहत पूरे शहर में टंकियों का निर्माण और पेयजल वितरण लाइन बिछाने का काम चल रहा है। इसके जल्द ही पूरा होने की उम्मींद है। इस काम के पूरा होने के बाद बायपास की दर्जनों कालोनियों सहित शहर के बाहरी इलाके (ग्रामीण) में भी नर्मदा जल पहुंचा दिया जाएगा। इंदौर में नर्मदा के तीन चरण अब तक लाए जा चुके हैं।
1700 करोड़ रुपये है खर्च
नर्मदा का चौथा चरण इंदौर लाने के लिए नगर निगम को 1700 करोड़ रुपये की आवश्यकता है। इसमें से करीब 1100 करोड़ रुपये उसे केंद्र सरकार के अमृत प्रोजेक्ट के तहत मिल जाएंगे। हालांकि इसमें उसे कुछ हिस्सा देना होगा। इसके अलावा कुछ अन्य संसाधनों से भी निगम को मदद मिलेगी। नगर निगम ने राज्य सरकार से 700 करोड़ रुपये अनुदान दिए जाने की गुहार भी लगाई है। पिछले दिनों महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इस संबंध में मुलाकात भी की थी।
नगर निगम का कहना है कि उसके पास इतने संसाधन नहीं है कि वह 700 करोड़ रुपये जैसी बड़ी रकम वहन कर सके। महापौर ने मुख्यमंत्री से मांग की थी राज्य शासन इंदौर नगर निगम को अनुदान स्वरूप यह रकम उपलब्ध करवा दे तो इंदौर में नर्मदा का चौथा चरण लाना आसान हो जाएगा।