इंदौर, उज्जैन सहित प्रदेश भर के शहरों झिलमिलाती झांकियों का कारवां

 

इंदौर मैं पहली बार थ्री डी पुतलों का प्रयोग

इंदौर। मां अहिल्या की नगरी में अनंत चतुर्दशी पर आज फिर 100 वर्षों से चली आ रही झिलमिल झांकियों की परंपरा जीवंत हो गई। भले ही मिलें बंद हुए बरसों हो गए, लेकिन चल समारोह का उल्लास और परंपरा आज भी वैसी ही कायम है। इसके साथ ही उज्जैन, रतलाम,भोपाल, खंडवा, खरगोन, हरदा,जबलपुर सहित प्रदेश के तमाम शहरों में आज रतजगा हो रहा है। झिलमिलाती झांकियां का कारवां शाम होते ही सड़कों पर निकल आया। कहीं शाम 7 बजे तो कहीं 8 और 9 बजे तक झांकियां निकलना शुरू हो गई थी।

इंदौर की सड़कों पर
30 से अधिक झांकियां

इंदौर में छह मिलों के साथ खजराना गणेश, आइडीए, नगर निगम सहित विभिन्न संस्थाओं की करीब 30 से अधिक झांकियां निकल रही हैं। इसमें धार्मिक प्रसंग के साथ ही शहर का विकास भी नजर आया। पहली बार थ्रीडी पुतले भी नजर आए। हुकमचंद मिल की झांकी में शहर की 100 साल की यात्रा तो कल्याण मिल की झांकी में कृष्ण की रासलीला और हनुमान जी की भक्ति दिखाई दी।
मालवा मिल की झांकी में शिवाजी और महाराणा का शौर्य और राजकुमार मिल की झांकी में मोबाइल युग में शारीरिक खेलों की महत्ता बताई। इसके साथ ही खजराना गणपति मंदिर की झांकी गर्भगृह के दर्शन के साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश स्वयं भगवान दे रहे हैं। नगर निगम और आइडीए की झांकी में शहर की विकास यात्रा भी दिख रही है।