“संडे स्टोरी” – आइये जानें, सामान्य जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें, बहुत गर्म करने के बाद तेल का उपयोग दोबारा करना चाहिए या नहीं..

 

उज्जैन। सब्जी बनाने और तलने में कौन सा तेल बढ़िया है? पीली सरसों या काली सरसों ? कोल्हू में जोते जाने वाले बैल पर अत्याचार के बारे में भी लोग अक्सर बोलते रहते हैं। ओलिव ऑयल , राइस आइल के बारे में भी यह समझना जरूरी है कि यह अच्छा है या नहीं? तेल को दोबारा गर्म कर सकते हैं या नहीं? यह बोलना बहुत आसान है कि कोल्हू का तेल सबसे अच्छा होता है, लेकिन वह महंगा होता है। यह धारणा हम बना तो लेते हैं लेकिन हकीकत कुछ और ही होती है। बड़ी कंपनियों से अलग हटकर विशेषज्ञ यह मानते हैं कि बड़ी-बड़ी कंपनियां अपना माल बेचने के लिए इस तरह से प्रोपेगेंडा करती है कि लोग इन कंपनियों के माल को ही सर्वश्रेष्ठ समझ लेते हैं, और पुरातन काल से चली आ रही व्यवस्था को भंग कर देते हैं। आइये समझते हैं प्रतिदिन हमारे उपयोग में आने वाले खाने के तेल और उससे संबंधित रोचक मामलों को।

क्या कोल्हू में जोते जाने वाले बैल पर अत्याचार होता है?

पहले बैलगाड़ी में खेती के लिए बैल का उपयोग किया जाता था। बैलों को इस तरह से खेती के लिए यूज किया जाता था या चारा- भूसी के लिए भी सामान लाने ले जाने के लिए उपयोग किया जाता था, लेकिन मशीनी युग आने से जिस तरह से हमारे देश के युवा बेरोजगार हो गए हैंं, उसी तरह से इस मशीन के आने से बेैल भी बेरोजगार हुए हैं। पहले कोल्हू से तेल निकालना हो, कुएं से पानी निकालना हो या फिर खेती करना हो तो उसमें बैलों का ही उपयोग किया जाता था। वास्तव में धन्यवाद दिया जाना चाहिए उंगली पर गिने जाने वाले उन लोगों का जिन्होंने बैलों को रोजगार दिया वरना यह बेचारे सड़कों पर घूम रहे थे। अत्याचार वह नहीं है जिसे हम कोल्हू में जुता हुआ मानते हैं, बल्कि अत्याचार यह है कि बैल भूखे प्यासे सड़क पर भटक रहे हैं। अगर बैलों के पास कोई काम नहीं होगा तो न तो लोग उनका ध्यान रखेंगे और न ही उन्हें चारा खिलाएंगे। इसी वजह से इतना अत्याचार है। अगर आप देखते हैं पहाड़ी एरिया में आज भी औरतें- आदमी जमकर मेहनत कर रहे हैं तो क्या उसे भी अत्याचार मान लिया जाएगा। पहाड़ी वाले दर्शनीय स्थलों पर घोड़े या आदमी की शक्ल में पिट्ठू काम करते हैं, तो क्या उसे भी अत्याचार मान लिया जाएगा? जी नहीं, वह काम करते हैं। मेहनत करते हैं। आप अपने बच्चों को भी सॉलिड बनाइये। उनकी इम्यूनिटी स्ट्रांग कीजिए। मिट्टी में खेलने दीजिए। गंदा होने दीजिए। उनको बहुत मेहनत कराइये। पसीने-पसीने हो जाएं, थक जाएं तब जाकर आपके बच्चे सॉलिड बनेंगे। यह मेहनत उन्हें सालिड बनाती है। मशीनी युग से बाहर निकाल कर शारीरिक और मानसिक मेहनत कराना भी बहुत जरूरी है। कैलकुलेशन करना बहुत आसान है। जितने लोग कैलकुलेशन कर रहे हैं। निवेदन है कि अगर इसमें आपका फायदा हो सकता है, तो लिखना बहुत आसान है। किसी को राय देना बहुत आसान है।

ओलिव ऑयल और राइस ब्रान ऑयल में सबसे अच्छा कौन सा है?

बताया जाता है कि यह इटली से आया था। सबसे पहले रेगिस्तान में प्लांट लगाए गए थे। यह ओलिव ऑयल हमारे यहां निकालना शुरू किया और यह काफी हद तक इंपोर्ट होता है। यह बहुत महंगा यानी ₹1200 लीटर के आसपास आता है। इस के इंपोर्ट होने की वजह से और कॉस्टली होने की वजह से इसमें एडल्टरेशन के बहुत चांसेस है। इसलिए इन सब कारणों की वजह से ओलिव ऑयल को आमतौर रिकमेंड नहीं किया जाता। यह हमारा तेल नहीं है। हमें हमेशा वह खाना चाहिए जो हमारा खुद का है, जो हमारे क्षेत्र में होता है।

चावल की भूसी से बहुत ज्यादा तेल आखिर कैसे निकल सकता है?

अब, हम बात करें राइस ब्रान ऑयल कीमत। यह चावल की भूसी से निकलता है। यह समझ से परे है कि चावल की भूसी से इतना तेल कैसे निकाला जा सकता है? तेल बहुत अच्छा है लेकिन इतना ज्यादा तेल कैसे निकाल देते हैं। जो इतनी बड़ी जनसंख्या की पूर्ति कर जाता है? आपका जो विवेक है उससे आप समझिये।

सवाल यह भी उठना है कि तेल को दोबारा उपयोग में लेना चाहिए या नहीं ? विशेषज्ञ मानते हैं कि एक बार तेल को बहुत अधिक गर्म किए जाने के बाद उसे दोबारा उपयोग में नहीं लाना चाहिए। हालांकि यह देखा जाना जरूरी है कि आपने इस तेल को बहुत ज्यादा गर्म किया है या थोड़ा सा ही गर्म किया था। यही इस बात पर निर्भर करता है कि ऐसे तेल का उपयोग किया जाना चाहिए या नहीं।
अगर आपने ज्यादा गर्म किया है तो उसमें फ्री रेडिकल्स आ जाते हैं, तो दोबारा उसे उपयोग नहीं करना चाहिए। लेकिन फिर भी अगर आप चाहते हैं, तो छौंक लगाने में, सब्जी बनाने में तेल को बहुत ज्यादा उबाला नहीं जाता, बहुत ज्यादा गर्म नहीं किया तो जाता तो फिर वह ठीक काम कर सकता है। अगर आप कोल्हू या बैल वाला तेल लेते हैं तो वह कॉस्टली दिखाई तो देता है परंतु महंगा पड़ता नहीं है। अगर मान लीजिए आम तेल आपको सब्जी बनाने में 100 ग्राम लग रहा है तो यह कोल्हू वाला तेल क्योंकि गाढ़ा होता है इसलिए आसानी से फैल भी जाता है और 50 ग्राम में ही काम हो जाता है।