यूरिक ऐसिड की बीमारी घर-घर देने लगी दस्तक  — असंतुलित खानपान का चलन मुख्य कारण — समाधान  नींबू तुलसी गुड  अदरक का मिश्रण रस और योग

दैनिक अवन्तिका उज्जैन
 शहर में प्रदूषण  के बढ़ते दायरे ने जहां मानव जीवन को संकट में लाना शूरु कर दिया है। वहीं दूसरी  समस्या असंतुलित खानपान ने बढ़ा दी है। इसकी वजह से यूरिक एसिड की बीमारी घर-घर में दस्तक दे रही है।  महिला पुरुष युवक यूवतियां बुजुर्ग बच्चे असंतुलित खान-पान की वजह से यूरिक एसिड की समस्या से ग्रसित हो रहे हैं। जिसकी वजह से उनके एडी हाथों की कलाई जोड़ों में भयंकर दर्द होने लगते हैं।  कई मरीज अपनी समस्याएं लेकर डॉक्टर वैघ के पास भी पहुंच रहे है।  मामले में एक्सपर्ट बता रहे हैं कि कुछ घरेलू उपचार योग प्राणायाम से भी  बीमारी से बचाव किया जा सकता है और खान-पान पर ध्यान देने से भी इस बीमारी को कहीं हद तक रोका जा सकता है।
 कहते हैं कि स्वस्थ शरीर से बड़ी कोई दौलत नहीं होती। लेकिन वर्तमान समय में दौलत शौहरत के लिए दौड़ती भागती दुनिया मे फास्ट फूड असंतुलित खानपान का चलन  बढ़ते ही चले जा रहा है । शहर में प्रदूषण के  बढ़ने से मानव शरीर पर विपरीत असर तो हो ही रहा है। इसके साथ बढ़ते असयमित खानपान की वजह से यूरिक ऐसिड की समस्या घर-घर में दस्तक देने लगी है। इस संबंध में एक्सपर्ट बता रहे हैं कि यूरिक ऐसिड की समस्या बढ़ने से मरीज के कलाइयों घुटनों ऐड़ियों में भयंकर दर्द उत्पन्न होने लगता है। लिहाजा यूरिक ऐसिड को शरीर में बनने से अगर समय पर नहीं रोका गया तो  किडनी पर भी घातक असर हो सकता है। जिसके चलते मरिज कई बीमारियों से ग्रसित होने लगता है। यूरिक ऐसिड की बढ़ी हुई समस्या को कुछ घरेलू नुस्खे से भी दूर किया जा सकता है एक्सपर्ट बता रहे हैं कि नींबू तुलसी गुड अजवाइन अदरक का मिश्रण लिए हुए घोल  घर में बड़ी आसानी से बनाया जा सकता है। इसके लिए सबसे पहले आप आधा गिलास पानी लीजिए तुलसी के  चार-पांच पत्ते ले लीजिए चने के आकार बराबर गुड अदरक और फिर इनके मिश्रण को सिलबट्टी में पीस लीजिये और फिर इसका रस खाली पेट 3 महीने तक आपको लगातार पीना है। इसका स्वाद भी अच्छा रहता है और रिजल्ट आपको सप्ताह भर के अंदर ही मिलने लग जाता है।
    योग और आयुर्वेद भगाए रोग
 खान पान मानव शरीर के अंदर कई प्रकार के ऐसिड का निर्माण करता है। जिसको किडनी फिल्टर करती है। यूरिक ऐसिड का बड़ना योग और आयुर्वेद से भी कंट्रोल किया जा सकता है। इसके लिए कपालभाति प्राणायाम सूक्ष्म व्यायाम 15 मिनट प्रत्येक दिन करने से यूरिक ऐसिड नहीं होगा। इसके साथ ही हाथों को आगे ले जाकर उंगलियों को मूवमेंट कराने से भी फायदा मिलता है। पैरों के पंजों की उंगलियों को  भी मूवमेंट कराने से इस बीमारी को रोकने में सहायता मिलती है। वही दोनों हथेलियां के बीच के पॉइंट को भी दबाने से यूरिक ऐसिड की बीमारी को कोई हद तक रोकने में मदद मिलती है। एक्सपर्ट के अनुसार योग आयुर्वेद से यूरिक ऐसिड को बढ़ाने से रोकने में कई बार फायदेमंद साबित हुए हैं।