कर्कराज मंदिर में ताला, भक्तों को ठीक से दर्शन तक नहीं हो रहे – शिप्रा नदी में बाढ़ के बाद से जमा है गारा

उज्जैन। धार्मिक नगरी के प्रचीन मंदिरों में एक शिप्रा किनारे कर्कराज मंदिर में कई दिनों से ताले नहीं खुले है। भक्तों को ठीक से दर्शन तक नहीं हो पा रहे है। बताया जाता है कि शिप्रा नदी में आई बाढ़ के बाद से मंदिर की सफाई नहीं हुई है। गाद व गंदगी से मंदिर सराबोर है। ऐसे में मंदिर के पंडे, पुजारी भी मंदिर तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। आपको बता दे कि यह कर्कराज का मंदिर कालगणना का प्रमुख केंद्र रहा है। इसी स्थान से कर्क रेखा होकर गुजरती थी। मान्यता है सम्राट विक्रमादित्य के नवरत्नों में से एक कालगणक आचार्य वराहमिहिर ने यहां अपनी वेधशाला स्थापित कर रखी थी। कालांतर में भी यह स्थान गणना का प्रमुख केंद्र रहा है।
पंचक्रोशी यात्रा का प्रमुख पड़ाव स्थल है मंदिर
शिप्रा के तट पर स्थित श्री कर्कराजेश्वर का मंदिर पंचक्रोशी यात्रा का प्रमुख पड़ाव स्थल भी है। यात्रा संपन्न होने के बाद यात्री शिप्रा के इसी घाट पर स्नान व विश्राम करते है, यहीं से अष्टाविंशती यात्रा का शुभारंभ भी होता है। धर्म व समय के इतने महत्वपूर्ण केंद्र की इस प्रकार दुर्दशा होने से भक्त नाराज हैं।