बुरहानपुर में कांग्रेस के पूर्व नेता प्रतिपक्ष को एमआईएम ने बनाया प्रत्याशी, अल्पसंख्यकों के वोटों की राजनीति, दिलचस्प होंगे, विधानसभा चुनाव
बुरहानपुर। विधानसभा चुनाव में इस बार बहुत ही अलग-अलग तरीके से सभी पार्टियों में विरोध के स्वर उभर रहे हैं जहां भाजपा की तरफ से पूर्व कैबिनेट मंत्री अर्चना चिटनीस को भाजपा का प्रत्याशी बनाए जाने के बाद भाजपा के ही पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्षवर्धन सिंह चौहान ने बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस द्वारा ठाकुर सुरेन्द्र सिंह ठाकुर शेरा को कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित होने के बाद कांग्रेस के एक धडे ने इसका विरोध कर दिया था।
वहीं कुछ लोग अल्पसंख्यक टिकट की मांग कर रहे थे लेकिन इतने दिनों से चल रही अटकलों पर विराम लग गया कांग्रेस के ही कुछ लोगों ने एमआईएम का दामन थाम लिया और पूर्व नेता प्रतिपक्ष नफीस मंशा खान एमआईएम के प्रत्याशी घोषित कर दिये गये। औरंगाबाद में एमआईएम सांसद इम्तियाज जलील ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में की इसकी विधिवत घोषणा कर दी है, बुरहानपुर पहुचे नफीस मंशा खान को देखते ही अल्पसंख्यकों में खासा उत्साह था और आतिशबाजी के साथ गर्म जोशी के साथ स्वागत सत्कार भी किया, अब देखते हैं कि बुरहानपुर की विधानसभा क्षेत्र में ऊंट किस करवट बैठता है? क्या अल्पसंख्यक उम्मीदवार बाजी मारता है या भाजपा के निर्दलीय उम्मीदवार अपनी सांख बचाता है। या भाजपा- कांग्रेस के उम्मीदवार अपनी परंपराओं को कायम रख पाते हैं। इस बार विधानसभा चुनाव बडे दिलचस्प होने वाले है।