सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को चार साल में भी यूनिफॉर्म नहीं मिली। सरकार ने बरती भारी लापरवाही, गरीब वर्ग के बच्चे परेशान
दैनिक अवंतिका(इंदौर) सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को पिछले चार साल से समय से यूनिफॉर्म नहीं मिल रही है। कई विद्यार्थी पुरानी यूनिफॉर्म पहनकर स्कूल जा रहे हैं। कई तो खुद यूनिफॉर्म खरीदने को मजबूर हैं। बच्चों नेबताया कि उन्हें तीन साल से स्कूल से यूनिफॉर्म नहीं मिली है। गौरतलब हैकि कुछ स्कूलों में बच्चों ने यहां तक कहा कि मैडम ने कहा कि अभी तुम लोग यूनिफॉर्म खरीद लो बाद में पैसे दे देंगे। बच्चों ने यह भी कहा कि अब यूनिफॉर्म थोड़ी बड़ी बनवाई है ताकि दो साल तक चल सके। बच्चों को यूनिफॉर्म देने की जिम्मेदारी राज्य शिक्षा केंद्र (आरएसके) की है। सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से आठवीं तक के
विद्यार्थियों को सरकार यूनिफॉर्म देती है। इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या 70 लाख है। हर बच्चे को दो जोड़ी यूनिफॉर्म या राशि दी जाती है। प्रति छात्र 600 रुपए खर्च किए जाते हैं। ऐसे में इन बच्चों की यूनिफॉर्म पर हर साल 420 करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं। यूनिफॉर्म का काम लेट हुआ है। इसके कई कारण हैं। हमारे रिकॉर्ड के अनुसार 2022-23 की यूनिफॉर्मअधिकांश स्कूलों में पहुंच चुकी हैं। कुछ स्कूल ही शेष हैं। 2023-24 कोयूनिफार्म जल्द से जल्द स्कूलों में पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। यूनिफार्म तैयार करने का काम राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन कर रहा है । सन 2020 से यूनिफार्म की समस्या बनी हुई है और इसी साल से यह व्यवस्था भी गड़बड़ हुई है। राज्य शिक्षा केंद्र ने 2020 में यूनिफॉर्म सिलाई का काम जिला पंचायत के माध्यम से स्वयं सेवी संस्थानों को दिया था।
बच्चों की यूनिफॉर्म पर हर साल 420 करोड़ रुपए खर्च ओर क्या रहा कि सत्र बीतने के बाद मार्च 2021 में स्कूलों में यूनिफॉर्म पहुंची थीं। कोरोना के कारण स्कूल बंद होने के कारण शिक्षकों को घर-घर जाकर यूनिफॉर्म पहुंचानी पड़ी। बच्चों का सही नाप न होने के कारण साइज भी छोटा पड़ गया था, वहीं सिलाई भी ठीक नहीं थी। इसके बाद 2021 में कोरोना के कारण स्कूल बंद रहे 2022 की यूनिफॉर्म 2023 में पहुंच रही है। इस साल की यूनिफॉर्म अभी तक नहीं मिली है।