भारत का 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य

इंदौर। भारत के दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बने रहने की संभावना है। वित्तीय वर्ष 23 की वृद्धि ने बाजारों को सुखद रूप से आश्चर्यचकित कर दिया। इसकी वजह ये रही कि आर्थिक गतिविधि, विशेष रूप से सर्विस सेक्टर में, भौतिक रूप से सुधार हुआ। सरकार और आरबीआई के बीच फिस्कल-मोनेटरी कॉर्डिनेशन ने मुद्रास्फीति और विकास के बीच संतुलन हासिल करने की कोशिश की गई..ये कहना है ।

जाने माने फंड मैनेजर असित भंडारकर का..निवेशकों की जिज्ञासा जुड़े सवालों का जवाब देने इंदौर आगे असित भंडारकर ने निवेशकों को हालातों के आगे परेशान नहीं होने की सलाह दी है। असित भंडारकर ने बताया कि कई देशों में युद्ध के हालातों के बावजूद देश में स्थितियां बेहतर है..उन्होंने कहा कि भारत का 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य निजी निवेश में वृद्धि के साथ-साथ सरकार के नीतिगत समर्थन के कारण यथार्थवादी दिख रहा है ।हमें वित्त वर्ष 24 में आरबीआई के 6.5 प्रतिशत के अनुमान से ज्यादा जीडीपी की संभावना के बारे में आशावादी बने रहने की जरूरत है ।