स्लग-इंदौर के कुशवाह नगर हिरासत में आये दंपति पति के दबाव में 15 दिन की बेटी को ट्रेन में छोड़ गई थी

दैनिक अवंतिका(उज्जैन) पत्नी -बाइक नम्बर ट्रेस कर दोनों तक पहुंची पुलिस, उज्जैन-इंदौर में मिले थे फुटेज बेटी को जन्म देने के 15 दिन बाद उसे ट्रेन में छोड़कर लापता हुई महिला और उसके पति को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। कैमरों के फुटेज और बाइक नबंर सामने आने पर जीआरपी की टीम इंदौर के कुशवाह नगर तक पहुंची। महिला ने पति के दबाव में आकर अपने कलेजे के टुकड़े को छोड़ दिया था।इंदौर-जबलपुर के बीच चलने वाली नर्मदा एक्सप्रेस ट्रेन से रविवार रात भोपाल जीआरपी को कोच एस/ 8 की बर्थ 56 से 15-16 दिन की बालिका मिली थी। जिसके माता-पिता उसे छोड़कर जा चुके थे। यात्रियों ने बताया कि बालिका के साथ इंदौर से महिला सवार हुई थी, जो उज्जैन स्टेशन पर उतरी है। भोपाल जीआरपी ने बालिका को मातृछाया पहुंचाया और जांच उज्जैन जीआरपी को सौंपी। टीआई ज्योति शर्मा ने धारा 317 में असल अपराध पंजीबद्ध कर उज्जैन-इंदौर स्टेशन पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज देखे। जिसके आधार पर इंदौर में एक बाइक भी दिखाई दी जिससे बालिका को छोडऩे वाली मां और पिता का पता चल गया। बुधवार को इंदौर के बाणगंगा थाना क्षेत्र के कुशवाह नगर से दोनों को गिरफ्तार कर उज्जैन लाया गया। पूछताछ में सामने आया कि दोनों बालिका के माता-पिता है। बालिका की मां खूशबू 20 वर्ष बीना की रहने वाली है। पिता सौरभ 22 वर्ष सागर का है। दोनों के बीच कुछ सालों से प्रेम प्रसंग चल रहा था। बिना शादी किये खूशबू गर्भवती हो गई थी। दोनों रिश्तेदारों के पास इंदौर आ गये थे और एक माह पहले प्रेम विवाह कर लिया। 15 दिन पहले बेटी का जन्म होने पर सौरभ ने  दबाव बनाया और कहा कि वह बेटी का पालन-पोषण नहीं कर सकता। वह बेटी को नहीं रखेगा। उसे अनाथ आश्रम या कहीं छोड़कर आना होगा। अगर बेटी को रखा तो वह खूशबू को भी छोड़ देगा। पति के दबाव में आई पत्नी ने बेटी को छोडऩे का कदम उठा लिया। दोनों बाइक से इंदौर रेलवे स्टेशन पहुंचे। जहां नर्मदा एक्सप्रेस में सवार हुए। ट्रेन चलने से पहले दोनों अलग-अलग अंजान बनकर बैठे रहे। ट्रेन चलने पर सौरभ उतर गया। खूशबू बेटी को लेकर उज्जैन तक पहुंची। जहां वह बर्थ पर बेटी को छोड़ आसपास बैठे यात्रियों से टायलेट जाने का बोलकर उतर गई थी। उज्जैन स्टेशन से बाहर आकर आटो में बैठी और नानाखेड़ा से बस में सवार होकर इंदौर पहुंच गई। जहां से सौरभ उसे बाइक से घर ले गया था। दोनों ने परिजनों से झूठ बोला बच्ची मर ग जीआरपी टीआई ज्योति शर्मा ने बताया कि बालिका का पिता स्वीगी में काम करता है। लड़की के सिलाई का काम जानती है। जिसके परिजनों से चर्चा की गई है। लड़के के पिता को कुछ पता नहीं है। लड़के ने सभी से झूठ बोला था कि बच्ची मर गई है और अस्पताल में रख लिया गया है। परिजनों को बुलाया गया है। परिजनों के बालिका के जीवित होने की जानकारी नहीं है। दोनों के खिलाफ धारा 317 में जो अपराध पंजीबद्ध किया गया है। उसमें सात साल की सजा का प्रावधान है। दोनों के परिजन बच्ची को लेकर काफी गंभीर है और उनका कहना है कि दोनों ने गलत किया है। बालिका भोपाल मातृ छाया में है। कोर्ट के निर्णय पर उसे किसे सौंपना है, इसका फैसला लिया जाएगा। फिलहाल दोनों से पूछताछ जारी है गुरूवार दोपहर को न्यायालय में पेश क