रिमांड पर रेलवे इंजीनियर और ड्रायवर इंदौर से दोस्त की बाइक मांगकर आये थे चोरी करने उज्जैन बेटे जैसा मानते थे शिक्षक दम्पति, शादी के लिये दिये थे 2.50 लाख

दैनिक अवंतिका(उज्जैन)शिक्षक दंपति ने जिन्हे बेटे जैसा माना, उन्होने ही मकान से लाखों के आभूषण चोरी कर लिये। जब पुलिस ने मामले का खुलासा किया तो दंपति हैरान रह गये। उन्होने एक आरोपी को उसकी बहन की शादी के लिये ढाई लाख रूपये भी दिये थे। पुलिस ने आरोपियों को एक दिन की रिमांड पर लिया है।
तराना रोड ग्राम बिछडोद में निर्मला इंटरनेशनल स्कूल के प्रिसिंपल डॉ. राघवेन्द्र कुमार पिता पुरूषोत्तमदास द्विवेदी के नागेश्वरधाम सोसायटी स्थित मकान में 13 अक्टूबर को बड़ी चोरी होना सामने आया था। चिमनगंज टीआई आनंद तिवारी ने मामला सामने आने के बाद गंभीरता से लिया और जांच शुरू की। एसआई एसएस मंडलोई, प्रधान आरक्षक सुनील परमार, नितिन चौहान, आरक्षक सुनील बिठौरे और महिला आरक्षक प्रभा दुबे की टीम बनाकर सुराग तलाशना शुरू किया। कैमरों के फुटेज देखने पर बाइक सवार दो बदमाश दिखाई दिये। बाइक नम्बर शहडोल पासिंग था। जिसके आधार पर टीम पहले इंदौर और बाद में शहडोल पहुंची जहां से रेलवे स्टेशन के सामने रहने वाले मोहम्मद इमरोज पिता मोहम्मद राशीद और घरौला मोहल्ला शाही मंदिर के सामने रहने वाले शुभम उर्फ शानू पिता संतोष मांझी (केवट)  को हिरासत में लिया गया। दोनों से पूछताछ में चोरी का खुलासा होने पर 20 तोला से अधिक वजनी सोने के आभूषण बरामद कर गुरूवार रात टीम लौट आई। 10 लाख 50 हजार के आभूषण के साथ वारदात करने वाले दो आरोपियों के गिरफ्त में आने पर मामले का खुलासा एएसपी गुरूप्रसाद पारशर और जयंतसिंह राठौर ने किया। दोनों को न्यायालय में पेश कर एक दिन की रिमांड पर लिया गया है।बेटी से हुई थी दोनों की पहचानशिक्षक दंपति की बेटी किर्ती ने शहडोल से एमबीबीएस किया था और पढ़ाई पूरी होने के बाद रिलायंस अस्पताल में डॉक्टरी करने लगी थी। मोहम्मद इमरोज ने अस्पताल में अपनी गाड़ी अटैच कर रखी थी। जिसे शुभम चलता था। जिससे कीर्ति आना-जाना करती थी। उक्त गाड़ी से उज्जैन भी आती थी। इस दौरान इमरोज और शुभम भी आते थे। दोनों ने डॉ. कीर्ति के परिवार से गहरा रिश्ता जोड़ लिया था। जिसके चलते उन्हे परिवार की पूरी जानकारी हो गई थी। 25 सितंबर को कीर्ति शहडोल छोड़कर आरडी गार्डी से एमएस को कोर्स करने उज्जैन आ गई। दोनों सामान के साथ कीर्ति को छोडऩे आये थे और कुछ दिन रुकने के बाद लौट गये थे। उसके बाद 9 अक्टूबर की दोपहर को आकर वारदात कर गये। उन्हे पता था कि परिवार घर की चाबी गमले में रखकर जाता है।रेलवे में इंजीनियर के पद पर है इमरोजपुलिस पूछताछ में सामने आया कि इमरोज शहडोल रेलवे में गे्रड-1 इंजीनियर के पद पर है। उसकी गाड़ी ट्रेक्सी के रूप में चलती है। शुभम को उसने ड्रायवर रख रखा है। डॉ. किर्ती के माता-पिता इमरोज को बेटे जैसा मानने लगे थे। सालभर पहले  इमरोज की बहन की शादी थी। उसने कीर्ति से 2 लाख और उसके पिता डॉ. राघवेंद्र से 50 हजार रूपये उधार भी लिये थे। शिक्षक दंपति का परिवार शादी में शामिल होने शहडोल भी किया था। जब दोनों के वारदात में शामिल होने का पता चला तो शिक्षक दंपति को यकीन नहीं हुआ।दोस्त की बाइक से आये थे उज्जैन शहडोल से दोनों आरोपी 8 अक्टूबर को इंदौर पहुंचे थे। जहां शहडोल का रहने वाला अमन मांझी शीतल नगर रेसीडेंसी में रहकर केट की कोचिंग कर रहा था। वह दोनों को पहचानता था। दोनों ने अमन की बाइक मांगी और सुबह 9 बजे उज्जैन के लिये निकले। दोपहर 2 बजे इंदौर पहुंचकर अमन को बाइक लौटाई और वापस शहडोल चले गये थे। चोरी के आभूषणों का दोनों ने बंटवारा कर लिया था। बाइक नम्बर मिलने पर पुलिस टीम पहले इंदौर तक पहुंची थी। रिमांड अवधि में पुलिस वारदात में प्रयुक्त बाइक बरामद करेगी।