कैलाश विजयवर्गीय एवं अन्य तीन अधिकारियों के विरुद्ध फौजदारी परिवाद दायर
न्यायालय ने पुलिस को दिए आदेश 20 दिसम्बर तक रिपोर्ट प्रस्तुत करे
इंदौर। उल्लेखनीय है कि विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 204 इंदौर – 1 के भाजपा प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय द्वारा नामांकन के साथ प्रस्तुत अपने शपथ पत्र में आपराधिक मामलों की जानकारी के साथ ही अन्य जानकारियां भी छिपाई है जिसकी आपत्ति मय प्रमाण के साथ कांग्रेस द्वारा लेने के उपरांत भी रिटर्निग आफिसर ओम नारायण बड़कुल द्वारा संज्ञान नहीं लिया गया जिस पर से उक्त क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी संजय शुक्ला द्वारा मुख्य निर्वाचन अधिकारी, भारत निर्वाचन आयोग को शिकायत की है साथ ही शपथ पत्र में महत्वपूर्ण जानकारी छिपाना आपराधिक कृत्य होने से भाजपा प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय की शिकायत थाना रावजी बाजार में आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करने हेतू दर्ज करायी गई थाने द्वारा सुनवाई ना होने से शुक्ला द्वारा पुलिस आयुक्त इंदौर मकरंद देउस्कर को भी आपराधिक मामला दर्ज करने बाबद लिखित शिकायत दर्ज करायी है।
पुलिस द्वारा कांग्रेस प्रत्याशी संजय शुक्ला की शिकायत पर कोई संज्ञान न लेने पर उनके द्वारा धारा 156(3),190,200 दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत फौजदारी परिवाद विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट एम.पी/एम.एल.ए कोर्ट में प्रस्तुत किया है।
जिसमें मांग की गई है कि भाजपा प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय ने अपने उपर दर्ज गम्भीर आपराधिक प्रकरण धारा 376,417,406,313,120Bभादवि का शपथ पत्र में जानबूझकर छिपाया है जबकि विजयवर्गीय उक्त प्रकरण में माननीय सर्वोच्च न्यायालय में criminal appeale no. 1581/2021 स्वंय के नाम से लगाई थी साथ ही एक आपराधिक प्रकरण छत्तीसगढ़ दुर्ग में लंबित है जिसका प्रकरण क्रमांक 1623/2012 है उक्त प्रकरण में संमस एवं जमानती वारंटो की तामिली विजयवर्गीय पर होने के उपरांत भी उपस्थित नहीं हुए और न्यायालय ने उन्हें फरार घोषित किया है और वो आज तक फरार है उक्त प्रकरण की भी जानकारी छिपाई है।
साथ ही उनकी पत्नी आशा विजयवर्गीय एक चिटफंड कंपनी की डायरेक्टर होने संबंधी भी जानकारी छिपाई है।
नामांकन के साथ प्रस्तुत किए जाने वाले शपथ पत्र में उक्त जानकारी छिपाना आपराधिक कृत्य है जिसकी शिकायत कांग्रेस प्रत्याशी संजय शुक्ला द्वारा किए जाने के उपरांत भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है जिससे व्यतीथ होकर शुक्ला ने आरोपीगण भाजपा प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय, रिटर्निंग अधिकारी ओम नारायण बड़कुल, पुलिस कमिश्नर मकरन्द देउस्कर, एवं रावजी बाजार थाना प्रभारी आमोद सिंह राठौर के कृत्य धारा 420,191,193,218,34भादवि के अन्तर्गत दंडनीय होने से उक्त धाराओं के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध करने हेतू परिवाद अपने अधिवक्ता सौरभ मिश्रा के माध्यम से प्रस्तुत किया है।
जिसमें माननीय न्यायालय ने 20 दिसंबर तक पुलिस को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने संबंधी आदेश दिए हैं।