तय समय पर नहीं हुई परीक्षा तो डीएवीवी नैक में हो सकती है फेल। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की लापरवाही पड़ेगी महंगी

दैनिक अवंतिका(इंदौर) नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) टीम से ‘ए’ ग्रेड हासिल करने वाले देवी अहिल्या विश्वविद्यालय का सपना तो ‘ए प्लस’ ग्रेड पाने का है, लेकिन हालात और व्यवस्था जिस तरीके की है, उसमें डर है कि कहीं ए ग्रेड भी न छिन जाए। प्रत्येक शैक्षणिक संस्थान को नैक टीम से निरीक्षण करवाकर अपनी बेहतरी का प्रमाण पत्र हासिल करना होता है। डीएवीवी वर्तमान में ए ग्रेड धारक है, जबकि अगले वर्ष नैक टीम फिर से इसका निरीक्षण करेगी। डीएवीवी पिछलाशैक्षणिक सत्र में न तो समय पर परीक्षा करवा सका और न ही समय पर रिजल्ट जारी हुए हैं। यदि इस सत्र में भी यही सिलसिला रहा तो नैक डीएवीवी को ‘फेल’ कर सकता है, जिससे ए ग्रेड भी छिन सकती है। विद्यार्थियों को ग्रेड से यह लाभ- नैक निरीक्षण के बाद मिलने वाली ग्रेड से डीएवीवी के विद्यार्थियों की कसौटी उसी आधार पर परखी जाएगी।यदि ए ग्रेड से बढ़कर ए प्लस हो गई, तो यहां के विद्यार्थियों की शिक्षा गुणवत्ता बेहतर मानी साथ जाएगी। उनके लिए नौकरी मिलने, अच्छे वेतन के रास्ते ज्यादा आसान हो जाएंगे। नेतृत्व और प्रबंधन में सुधार जरूरी -नैक के मानदंडों पर खरा उतरने के लिए डीएवीवी के पास एक भी प्रैक्टिस नहीं है। जिसके आधार पर अन्य विवि की तुलना में स्वयं को श्रेष्ठ बता सके। नैक निरीक्षण के पूर्व डीएवीवी को इंडस्ट्री इंटरेक्शन बढ़ाना पड़ेगा। नए सिलेबस तैयार करने होंगे। विद्यार्थियों के रोजगार, स्वरोजगार की व्यवस्था करनी होगी । पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करनी होगी । उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग करना होगा। नए पाठ्यक्रम बनाना, अधिक विद्यार्थियों को एडमिशन देना, दो शिफ्ट में शिक्षा प्रदान करना, अधिक रिसर्च पेपर पब्लिश करना जैसे काम इस एक वर्ष में कर सकते हैं