13 गृह निर्माण संस्थाओं में आईडीए के करोड़ों उलझे। सदस्यों के साथ भी पैदा हो गई एनओसी की समस्या

दैनिक अवंतिका(इंदौर) विकास प्राधिकरण द्वारा विभिन्न गृह निर्माण संस्थाओं की कालोनियों की योजनाओं के साथ ही विकास पर भी करोड़ों रुपए खर्च किए, किन्तु यह अभी तक मिला ही नहीं और अब यह पैसा उलझ गया है। दूसरी ओर, इन संस्थाओं की कालोनियों के सदस्य भी अब एनओसी की समस्या से जूझ रहे हैं।दरअसल, इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा योजना क्रं. 171 में 13 गृह निर्माण संस्थाओं की जमीन योजना में शामिल करने के बाद वहां विकास कार्यों पर करोड़ों रुपए खर्च किए। चूंकि संस्थाओं की कालोनियों का विकास भी हुआ और खर्च की गई राशि वसूलने का भी प्राधिकरण को अधिकार है। यह राशि अनुपात के हिसा से भी देखी जाए तो 10 करोड़ रुपए से भी अधिक है। बावजूद इसके यह अब उलझकर रह गई है और प्राधिकरण को अच्छी खासी चपत भी लग रही है। अप्रेल में पास हुआ था प्रस्ताव  इंदौर विकास प्राधिकरण बोर्ड बैठक में अप्रेल 2023 में एक प्रस्ताव पास किया गया था, जिसके पैसा नहीं मिला तो प्राधिकरण एनओसी भी नहीं कर रहा जारी। आईडीए के साथ समस्या यह है कि पैसा लेने के लिए तकाजा किससे किया जाए, इसके लिए विकास प्राधिकरण को अभी तक सदस्यों की सूची ही नहीं मिली। इसके मिलने और पैसा वसूलने तक प्राधिकरण भी इन संस्थाओं के सदस्यों को एनओसी देने के लिए तैयार नहीं है। इस वजह से यहां के रहवासियों को लोन लेने व अन्य कार्यों के लिए विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सहकारिता विभाग द्वारा गृह निर्माण संस्थाओं के सदस्यों की प्रमाणित सूची मिलने के बाद उनसे विकास शुल्क लिया जाएगा। वहीं उन्हें एनओसी देने का निर्णय भी लिया गया था, किन्तु अभी तक सदस्यों की जानकारी ही उसे उपलब्ध नहीं हुई है। इस वजह से पूरा मामला उलझा हुआ है।