रूप चतुर्दशी पर पंडे-पुजारियों ने छोड़ी फुलझड़िया, दिवाली मनी
उज्जैन। महाकाल मंदिर में सबसे पहले भस्मारती में दिवाली मनी। रूप चतुर्दशी पर्व पर तड़के 4 बजे होने वाली महाकाल की भस्मारती में सबसे पहले पंडे-पुजारी ने भगवान को अभ्यंग स्नान कराया।
पंचामृत व फलों के रस से अभिषेक-पूजन के पश्चात बाबा को पहला अन्नकूट लगाया। देशभर के श्रद्धालु भस्मारती में इस दिव्य अन्नकूट दर्शन के लिए उमड़े। इसके बाद दिनभर में मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। भस्मारती में पंडे-पुजारी ने फुलझड़ियां व अनार जलाकर सबसे पहले भगवान महाकाल के दरबार में दीपावली का पर्व मनाया। भस्मारती के पुजारी संजय गुरु ने बताया कि महाकाल मंदिर में हर त्यौहार सबसे पहले मनाने की परंपरा है। इसके अंतर्गत दीपावली की सुबह हुई भस्म आरती में चतुर्दशी पर्व काल होने की वजह से सबसे पहले दीपावली मनाई गई व भगवान को अभ्यंग स्नान कराकर भगवान को अन्नकूट लगाया गया। सुबह महाकाल में दिवाली मनी और शाम को अमावस्या पर्व काल में पूरे शहर में दीपावली मनाई गई।